भांग की गोली 10 रूपये की गोली के 50 रूपये वसूले जा रहे हैं

आदरणीय मुख्यमंत्री महोदया , 
bhangआपको बड़े दुःख के साथ ये जानकारी दे रहा हूँ की कल में अजमेर में गंज स्थित भांग के ठेके पर भांग लेने गया ! वहां एक साईकिल रिक्शे वाला भांग लेने आया व् इस भांग के ठेके पर अधिकतर दरगाह के फ़क़ीर व् गरीब तबके के लोगों का ज्यादा आना होता है !
भांग हमारे शास्त्रों के अनुसार प्राचीन ओषधि व् भगवान शिव की सबसे प्रिये मानी जाती है ! और इस भांग के किसी प्रकार के सेवन से कोई रोगी नहीं होता और ना ही किसी का परिवार खराब होता है ! यह कई रोगों में फायदा पहुंचाती है !
महोदया लेकिन अजमेर में दिए गए नये ठेकेदार द्वारा अपनी दादागिरी व् मन-मर्ज़ी से पैसा वसूला जा रहा है ! जबकि भांग की गोली आज के तीन साल पहले मात्र 10 रूपये में मिल जाती थी ! लेकिन ठेकेदारों द्वारा 10 रूपये की गोली के 50 रूपये वसूले जा रहे हैं और गोली का वजन भी पहले से 15 से 20 ग्राम ही रह गया !
इसके बारे में मेने भांग की दूकान पर कार्य कर रहे व्यक्ति से पूंछा की तुम 10 रूपये की गोली के 50 रूपये क्यों ले रहे हो तो उसने जो जानकारी मुझे दी उसको सुनकर बहुत दुख हुआ की हमारे राजस्थान में लोग महंगाई से परेशान थे तो उन्होंने सरकार बदली की आप ठेकेदारों की दादागिरी व् लूट को खत्म करेंगी ?
उस कर्मचारी का कहना था की हर साल सरकार 10 % पैसा बढ़ाती है और इस बार अजमेर में जिसने ढेका लिया वह बहुत बड़ा ढेकेदार और पुराने ढेकेदार को अजमेर से भगाना था तो उसने ये ठेका महंगा लिया है ! ये आपसी ठेकेदारों का झगड़ा है इस कारण भांग पुरे राजस्थान में महंगी है ,उसने बताया की राजस्थान में तीन बड़े ठेकेदार हैं इसके अलावा कोई ठेका नहीं ले सकता ! इसलिए 10 रूपये की भांग की गोली 50 रूपये में बेचीं जा रही है !
जबकि राजस्थान के पडोसी प्रदेश मध्य-प्रदेश में आज भी भांग की गोली 10 रूपये में राजस्थान से जयादा वजन की गोली मिलती है !
इसकी शिकायत भी आम बेचारा फ़क़ीर या रिक्शेवाला कहीं नहीं कर सकता ! वहीँ यदि भांग की सुखी पत्ती को १०००/ रूपये किलो के भाव बेचा जा रहा है ! जो की ठेकेप्रथा पर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है की क्या ठेके पर कोई वस्तु इसलिए दी जाती है की इस परठेकेदार अपनी मनमर्ज़ी करे और किसी प्रकार का कोई कंट्रोल सरकार का नहीं रहता ?
यदि कोई ठेकेदार ठेका सरकार से महंगा लेता है तो इसमें उस गरीब फ़क़ीर की या रिक्शेवाले की क्या गलती है , दिन भर में बेचारा गरीब आदमी 100 रूपये भी बड़ी मुश्किल से कमाता है और यदि वह अपना गम इस सस्ती औषधि से दूर करता था तो अब वह भी नहीं कर पा रहा !
भांग के सेवन से आपने देखा होगा की किसी गरीब को कभी हार्ट अटैक , दमा ,पाचन , व् मानसिक तनाव,डायबिटीज आदि कई रोग कभी नहीं होता ! इससे हमारे यहाँ लोग स्वस्थ रहते हैं ,लेकिन जब से ठेकेदारों में ठेके लेने की प्रतिस्पर्धा होई तब से बेचारा गरीब आदमी ही मारा जाता है ! जबकि ठेकेदार के आदमी गोली छानने के 10 रूपये तक वसूल रहे हैं यानि एक गोली 60 रूपये की पड़ती है !
महोदया अंत में आपसे निम्नलिखित बिन्दुओं पर कार्यवाही की उम्मीद करता हूँ और इन सब पर नियंत्रण करने का निवेदन करता हूँ !
1 . ठेकेदार द्वारा मनमर्जी से वसूली बंद की जाये !
2 . समय -समय पर इन ठेकों पर गोली का वजन लिया जाये व् ठेकों पर कितने वजन की गोली मिलती है दर्शाया जाये !
3 . सभी भांग के ठेकों पर शिकायत हेतु सम्बंधित अधिकारी व् शिकायत केंद्र के संपर्क न. दर्शाये जाएँ ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी से आम इंसान अपनी शिकायत कर सके !
4 . सरकार का भांग की गोली व् सुखी पट्टी के दाम पर नियंत्रण हो ताकि ठेकेदार मनमर्जी नहीं कर सके !
महोदया आपसे आशा करता हूँ की इस पर शीघ्र ही कार्यवाही कर गरीब लोगन को रहत देने का कार्य बिना किसी देर के किया जाये ताकि गरीब इंसान को इस महगाई से व् लूट से राहत मिल सके !
-देवेन्द्र सक्सेना

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