पशुपालन से कृषकों में आई आत्मनिर्भरता-देथा

डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत कार्यशाला आयोजित
proajm 27-7-2014 darey program photoअजमेर। जिला कलक्टर श्री भवानी सिंह देथा ने कहा कि पशुपालन से किसान आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहे है। अजमेर में डेयरी सेक्टर में हुए अच्छे कार्य के कारण किसान सिर्फ कृषि पर ही निर्भर नहीं है, पशुपालन ने किसानों को आजीविका का दूसरा विकल्प उपलब्ध करा दिया है।
श्री देथा आज जवाहर रंगमंच डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों की जीविकापार्जन का मुख्य साधन कृषि व पशुपालन है। वर्षा की अनिश्चितता के चलते कई मर्तबा किसानों को उचित पैदावर नही मिल पाती है, लेकिन जो किसान डेयरी व पशुपालन से जुडे है, उन्हें आर्थिक संकट का सामना नही करना पडता है। उन्होंने बताया कि अजमेर में डेयरी का अच्छा नेटवर्क है, जिसके चलते किसानों में आत्मनिर्भरता आई है।
श्री देथा ने कहा कि अजमेर डेयरी के सान्निध्य में 800 समितियां संचालित है। इन समितियों को केन्द्र सरकार की डेयरी उद्यामिता विकास योजना के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर और आधारभूत संरचना के विकास के लिए ऋण दिए जाते है। जिससे किसान डेयरी फार्म की स्थापना, बछिया पालन, दूध की प्रोसेसिंग, दुग्ध उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सके। इस योजना की नोडल एजेन्सी नाबार्ड है, जिसके द्वारा विभिन्न बैंकों के माध्यम से डेयरी क्षेत्र में उद्यमिता के विकास व पशुपालन को बढाने हेतु किसानों को ऋण व अनुदान प्रदान किया जाता है। श्री देथा ने बेंकर्स को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की डेयरी उद्यामिता विकास योजना के माध्यम से किसानों को अधिक से अधिक ऋण प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार व स्वावलम्बी बनाने में सहायक बनें। साथ ही कृषकों को इस योजना के बारे में जागरूक कर अधिकाधिक लाभ प्रदान करना सुनिश्चित करे।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने कहा कि अजमेर जिले में वर्षा की कमी रहती है। जिसके चलते खेती के माध्यम से गुजारा करना कई मर्तबा मुश्किल हो जाता है। लेकिन जो किसान पशुपालन से जुड गए है उनको आजीविका का दूसरा विकल्प मिल गया है। उन्होंने कहा कि अजमेर जिले में पशुपालन किसानों का आजीविका का मुख्य स्त्रोत बन गया है, दुधारू पशुओं की खरीद कर किसान अपने परिवार का लालन-पोषण करने में समर्थ हुए है।
श्री चौधरी ने बताया कि गरीबी व बेरोजगारी उन्मूलन में डेयरी व्यवसाय का महत्वपूर्ण योगदान है। जिले के किसानों को डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत ऋण व अनुदान प्रदान किया जा रहा है। जिससे डेयरी क्षेत्र का विकास तो हुआ ही है साथ ही किसानों में भी आत्मनिर्भरता आई है। उन्होंने योजना के तहत ऋ़ण लेने वाले किसानों को ऋण का भुगतान समयसीमा में करने की हिदायत भी दी, जिससे उनकी साख में कमी ना आए।
बडौदा राजस्थान स्वरोजगार ग्रामीण बैंक के डॉ. एम एस फोगाट ने कहा कि किसान अनुदान की अपेक्षा अपनी मेहनत पर विश्वास रखेंगे तो लक्ष्यों की प्राप्ति अवश्य होगी। उन्होंने बताया कि आगामी अगस्त माह में डेयरी उद्यमिता विकास योजना के माध्यम से 10 हजार स्वयं सहायता समूहों को ऋण दिया जाएगा, जिससे करीबन 1 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। नाबार्ड बैंक के सहायक प्रबंधक श्री कमलेश कुमार ने डेयरी उद्यमिता विकास योजना के संबंध में स्लाईड प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला में नाबार्ड बैंक अजमेर प्रभारी श्री वी वी खरबंदा, अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री एच के सिंघल, विभिन्न बैंक के प्रतिनिधि, पशुपालक, कृषक व गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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