अजमेर / अकबरी किले के प्रागंण में गुरुवार को पुरातत्व विभाग अजमेर वृत के पूर्व अधीक्षक स्वर्गीय आज़म हुसैन की जन्म दिवस के अवसर पर इण्डियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हैरिटेज (इन्टैक) अजमेर चेप्टर व राजकीय संग्रहालय के संयुक्त तत्वावधान में सैयद आजम हुसैन की स्मृति में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इन्टैक अजमेर चेप्टर के संयोजक महेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सिंह के प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया कि किला परिसर का बाहर वाला भाग जो पहले सी.आई.डी कार्यालय था, को आर्ट गैलेरी में परिवर्तन किया जावे और इसका नाम सैयद आजम हुसैन आर्ट गैलेरी रखा जावे। इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को इंटैक की ओर से भेजा जाएगा। आर्ट गैलेरी होने से यहॉ समय-समय पर प्रदर्शनियां व सांस्कृतिक संगोष्ठी आदि के आयोजन के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध हो जायेगा।
28 अगस्त 1966 को जन्में सैयद आजम हुसैन की सेवाओं का उल्लेख करते हुए इतिहासविद् प्रो. ओ.पी. शर्मा ने बताया कि आजम हुसैन ने 04 अक्टूबर 2004 को संग्राहलय के अधीक्षक का कार्य भार सम्भाला और तब से इस संग्राहलय की काया पलट कर दी, अजमेर के नागरिक व पर्यटकों से उपेक्षित संग्रहालय को कुछ ही सालों के सार्थक प्रयासों व इच्छाशक्ति से उन्होंने किले का स्वरुप निखार कर दीर्घाओं का विकास से लेकर फोटो व कला प्रर्दशनियां, कला व साहित्य पर चर्चाएं, रंगमंच व सांस्कृतिक आयोजन आदि के निरंतर आयोजन की प्रथा चला कर म्यूजियम को अजमेर के शीर्ष पर्यटन स्थलों की सूची में लाकर खड़ा कर दिया। फोटो जर्नलिस्ट दीपक शर्मा ने कहा कि वह पहली मुलाकात ही सबका दिल जीत लिया करते थे। उन्होनें अजमेर में अकबरी किले को पुरातत्व, सांस्कृतिक, शैक्षणिक गतिविधियों का प्रमुख स्थल बना दिया। महेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि सैयद आजम हुसैन के सक्रिय योगदान से तारागढ़ परकोटे का संधारण, अजयपाल क्षेत्र का विकास, किले में ध्वनी एवं प्रकाश शो की शुरूआत आदि सम्भव हो सके। रंगकर्मी राजेन्द्र सिंह ने कहा कि आज़म साहब का संग्रहालय के प्रति अटूट प्रेम व कर्तव्यनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत का कार्य करेगा।
इस अवसर पर राजेश कश्यप, निसार अहमद ने भी विचार व्यक्त किये तथा कार्यक्रम में श्रीमति रूमा आजम, अकलेश जैन, ऋषिराज सिंह, बी.एल. साहु आदि उपस्थित थे।
( महेन्द्र विक्रम सिंह )
स्ंायोजक