जामा मस्जिद शाही इमाम का भारतीय प्रधानमंत्री को न्योता नहीं भेजने का बयान बेहद निराशाजनक है। आज जब भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के मुस्लिम मोदी को पसंद करते है तब मुस्लिम धर्मगुरु के बयान से मुस्लिम समुदाय आहत है। बुखारी मुस्लिमओ के धरम गुरु है न की राजनीती गुरु। बुखारी का कांग्रेस के बहकावे में आकर मोदी को न्योता नहीं देने का फैसला गलत है। पूर्व में भी लोकसभा चुनाव में बुखारी ने सोनिआ गांधी के साथ प्रेस वार्ता करके कांग्रेस के समर्थन की अपील की थी जिसका हश्र वो देख चुके है। मोदी सभी भारतीयों को समान दर्जा देते है हाल ही में उन्होंने भारतीय मुस्लिम को देशभक्ति बताया है।भारतीय मुस्लिम बुखारी का धरम गुरु के नाते बहुत सम्मान करते है तरह के बयान से उनकी प्रतिष्ठा धूमिल होगी। अगर गुजरात दंगो को लेकर बयान है तो उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगो के आरोपी मुलायम यादव को क्यों बुलाया है और किस लिहाज से उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को न्योता भेजा है। उच्छ्तम् न्यायलय से भी मोदी को क्लीन चिट मिल चुकी है। धरम गुरु होने के नाते बुखारी को एक मिसाल कायम करनी चाहिए न की इस तरह की बयानबाजी। भारतीय मुस्लिमो को मोदी पसंद है और इसका प्रमाण वो लोकसभा और विधानसभा चुनाओ में दे चुके है।
ये बुखारी का निजी कार्याक्रम नहीं है बल्कि ये मुस्लिम समुदाय से जुड़ा है और भारत के प्रधानमंत्री होने के नाते नरेंद्र मोदी को न्योता भेजना ही चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया तो ये बहुत शर्मनाक है।
– मुन्सिफ़ अली खान , जिला प्रचार मंत्री , भाजपा अजमेर देहात
1 thought on “शाही इमाम बुखारी का बयान निराशाजनक”
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मुन्सिफ अली खान का लेख सराहनीय है। यदि बुखारी मोदी को बुलाते तो ये उनका बड़प्पन का परिचायक होता। लेकिन शायद बुखारी को संशय होगा कि यदि मोदी को बुलाया और वह नहीं आए तो फिर गलत मैसेज जाएगा जैसा कि गुजरात में मोदी ने टोपी नहीं पहनकर एक विस्यमादी संदेश दिया था।।
रियाज खान, ब्यावर