शिक्षकों के हित के साथ शिक्षा के हित के लिए भी कार्य हो

वासुदेव देवनानी
वासुदेव देवनानी

अजमेर, 31 जनवरी। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने षिक्षक संघों का आह्वान किया है कि वे षिक्षकों के हित के साथ षिक्षा हित के लिए भी कार्य करे। उन्होंने प्रदेष में शैक्षिक गुणवत्ता वृद्धि, स्कूलों में नामांकन वृद्धि और ठहराव सुनिष्चित करने के लिए भी उनके योगदान की आवष्यकता जताई। उन्होंने कहा कि हम सभी का लक्ष्य यही होना चाहिए कि राजस्थान षिक्षा क्षेत्र में देष के प्रथम 10 अग्रणी राज्यों में से एक हो। इसके लिए ईमानदारी से कार्य किए जाने की जरूरत है।
प्रो. देवनानी आज यहां षिक्षा संकुल में षिक्षक संघों के साथ संवाद बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में नामांकन वृद्धि के साथ ही गुणात्मक सुधार जरूरी है। उन्होंने षिक्षा में मिषनरी भाव से कार्य किए जाने और सुधारों की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखे जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में एकीकरण की नौबत इसलिए आई कि बहुत से विद्यालय ऐसे थे जहां पर एक भी विद्यार्थी नहीं था और हजारों ऐसे भी थे जहां पर 30 से भी कम विद्यार्थी थे। उन्होने षिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता की षिक्षा प्रदान करने लिए सभी को मिलकर प्रयास किए जाने पर जोर दिया।
श्री देवनानी ने कहा कि विद्यालयों में कार्यरत षिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ ही स्कूलों में नामांकन वृद्धि के लिए स्थानीय जन प्रतिनिधियों, अभिभावकों से व्यक्तिगत संवाद कायम करे। विद्यालयों को वह इस रूप में विकसिंत करें कि वहां पर अभिभावक अपने बच्चों को भेजने के लिए लालायित रहे। उन्होंने कहा कि नियम-कानूनों से नहीं षिक्षक स्वयं की प्रेरणा से शैक्षिक विकास में अपना योगदान दे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेष के स्कूलों में नामांकन बढ़े, गुणात्मक सुधार हो तथा षिक्षण व्यवस्था ठीक हो। इसमें षिक्षक संघ अपना सतत सहयोग दें।
संवाद में षिक्षक संघों से मन की बात
षिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने षिक्षक संघों से शनिवार को मन की बात की। संवाद में उन्होंने कहा कि वह स्वयं षिक्षक रहे हैं, इसलिए उनका षिक्षक संघों से सीधा नाता है। षिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने भी कहा भी षिक्षा राज्य मंत्री की इस सकारात्मक पहल के साथ वे मन से जुड़े हैं। सौहार्द्रपूर्ण संवाद में षिक्षक संघों ने प्रदेष में गुणवत्तापूर्ण षिक्षा के साथ ही नामांकन वृद्धि और ठहराव सुनिष्चित करने के लिए षिक्षा मंत्री द्वारा उठाए गए कदमों में पूर्ण सहयोग का विष्वास दिलाया।
बैठक में विभिन्न शिक्षक संघो के प्रतिनिधियों ने एक-स्वर में राज्य सरकार स्तर पर शिक्षक संघों से संवाद की पहल की सराहना करते हुए कहा कि संवादहीनता ही शिक्षा में गुणवत्ता की सबसे बडी बाधा है। उन्होंने नामांकन वृद्धि एवं विद्यालयों में बच्चों के ठहराव के लिए रचनात्मक सुझाव दिए। इसके अंतर्गत शिक्षकों को शिक्षा के कार्य में ही लगाए जावे, शिक्षा के हित में शिक्षक स्थानान्तरण नीति बनाने, सरकारी एवं निजी विद्यालयों के समय और गणवेश में समानता के साथ अच्छे परिणाम देने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन जैसे सुझाव शिक्षक संघ प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से दिए। बैठक में शिक्षक संघ (सियाराम) के श्री सियाराम शर्मा, राजस्थान शिक्षक संघ(शेखावत) के श्री रामस्वरूप चतुर्वेदी, राज. शिक्षक संघ(सनाढ्य) के श्री छिगन लाल रोज, पंचायतीराज कर्मचारी संघ के श्री मूलचंद गुर्जर, राजस्थान प्रयोगशाला सहायक संघ के श्री अंजनी कुमार शर्मा, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के शशिभूषण शर्मा, शिक्षक संघ(अरस्तु) के श्री रामकृष्ण अग्रवाल, राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ के श्री कमल किशोर पारीक, रणवीर सिंह एवं श्री विपीन कुमार शर्मा आदि ने सुझाव दिए।
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डाईट के मूल्यांकन के लिए समिति गठन के निर्देष,
प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाया जाए
अजमेर,31 जनवरी। षिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने राज्य के जिला षिक्षा एवं प्रषिक्षण संस्थानों (डाईट्स) के मूल्यांकन के लिए राज्य सरकार स्तर पर समिति के गठन के निर्देष दिए हैं। समिति जिला षिक्षा प्रषिक्षण संस्थानों द्वारा षिक्षक प्रषिक्षण को गुणवत्तापूर्ण षिक्षा के लिए व्यावहारिक और अधिक उपयोगी बनाने के सुझाव देने के साथ ही वहां के स्टाफ पैटर्न और वर्तमान में किए जा रहे कार्यों की व्यावहारिकता का मूल्यांकन करेगी। समिति को आगामी 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेष करने के लिए कहा गया है।
षिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने शनिवार को षिक्षा संकुल में जिला षिक्षा एवं प्रषिक्षण संस्थानों की समीक्षा बैठक में यह निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि इस समय षिक्षकों के प्रषिक्षण के लिए अलग-अलग रूप में कार्य किए जा रहे हैं। जरूरी यह है कि षिक्षकों के प्रषिक्षण का समन्वित रूप तैयार किया जाए ताकि प्रषिक्षण सही रूप में षिक्षकों के लिए उपयोगी हो। उन्होंने कहा कि जिला षिक्षा एवं प्रषिक्षण संस्थानों को स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण षिक्षा प्रदान करने के उद्देष्य से सुदृढ किया जाएगा। इसके लिए इनके द्वारा अब तक किए जा रहे कार्यों का मूल्यांकन करने के साथ ही इस तरह से तैयार किया जाएगा कि आने वाले समय में प्रदेष में षिक्षक प्रषिक्षण में इनकी प्रभावी भूमिका हो। उन्होंने जिला षिक्षा एवं प्रषिक्षण संस्थानों में कार्यरत वहां के प्राचार्यों से बैठक में एक-एक कर संवाद किया तथा कहा कि राज्य मे डाईट के अंतर्गत इस तरह से अध्यापकों के प्रषिक्षण कार्यक्रम तैयार किये जाएं कि जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का सर्वांगीण विकास हो। उन्होंने डाईट के स्टाफ पैटर्न, वहां पर पदों की आवष्यकता तथा किए जाने वाले कार्यों की सतत समीक्षा के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देष दिए।
प्रो. देवनानी ने शैक्षिक गुणवत्ता के लिए जिला षिक्षा एवं प्रषिक्षण संस्थानों की उपादेयता की चर्चा करते हुए कहा कि सेवारत अध्यापकों के समयबद्ध व्यावहारिक प्रषिक्षण के लिए षिक्षा अधिकारी ठोस कार्ययेाजना बनाए। उन्होंने कहा कि प्रषिक्षण केवल आंकड़ों में ही नहीं हो, वह व्यवहार में हो तथा उसका लाभ विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मिले भी, इस पर भी विचार किया जाए।
बैठक में राजस्थान प्राथमिक षिक्षा परिषद् के आयुक्त श्री पी.के. गोयल ने बताया कि शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए डाईट की स्थापना की गई थी। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष 46500 सेवारत षिक्षकों के प्रषिक्षण का कार्य इनके तहत किया जाता है। उन्होंने इन संस्थानों का समय के अनुरूप नए सिरे से मूल्यांकन करते हुए इन्हें प्रभावी किए जाने के लिए कार्य किए जाने की जरूरत बताई।
प्रारंभिक षिक्षा विभाग के निदेषक श्री बी.एल. मीणा ने राज्य में जिलेवार कार्यरत जिला षिक्षा एवं प्रषिक्षण संस्थानों और वहां पर स्टाफ पैटर्न के साथ ही उनसे संबंधित विभिन्न कार्यों के बारें में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में राजस्थान प्रारंभिक षिक्षा परिषद् के अतिरिक्त आयुक्त श्री हरिमोहन मीणा ने भी विचार रखे। बैठक में विभिन्न जिलों के डाईट अधिकारी तथा एसआईआरटी के अधिकारियों ने भाग लिया।

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