अजमेर के किले को अकबर का लिखने पर देवनानी ने आपत्ति व्यक्त की

जिला कलक्टर से की बात, जानी वस्तुस्थिति
तत्काल आवश्यक कार्यवाही के निर्देश

वासुदेव देवनानी
वासुदेव देवनानी

अजमेर। नया बाजार स्थित राजकीय संग्रहालय पर लिखे नाम अजमेर का किला के स्थान पर अकबर का किला लिखवाये जाने पर शिक्षा राज्य मंत्री प्रो.वासुदेव देवनानी ने आपत्ति व्यक्त करते हुए जिला कलक्टर से बात कर वस्तुस्थिति जानी। इस सम्बंध में जिला कलक्टर ने उन्हें यह बताया कि किले का नाम बदलने के सम्बंध में ना तो राज्य सरकार से कोई निर्देश प्राप्त हुए है और ना ही उनकी तरफ से। देवनानी ने पुरातत्व विभाग द्वारा बिना वजह किले का नाम बदले जाने पर जिला कलक्टर को इस सम्बंध में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करे जाने के निर्देश दिये।

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  1. यह नाम को लेकर बेवजह खड़ा किया जाने वाला विवाद है. इतिहास के अनुसार यह किला अकबर द्वारा 1570 में बनवाया गया. यह किला मुगल काल में सैनिक गतिविधियों का केन्द्र रहा और यह अकबर का शाही महल था. ब्रिटिश हुकूमत ने इसे अरोग्यशाला के रुप में उपयोग में लिया था, जिसे बाद में संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया. आज यह एक संग्रहालय है, जिसमें मुगल और राजपूत शस्त्र, पुराने हथियार, पुरानी पेंटिंग्स, प्राचीन रॉक शिलालेख, पत्थर की मूर्तियों आदि का संग्रह है. यह वर्तमान में ‘राजकीय संग्रहालय’ के रुप में जाना जाता है, जो ‘अकबर का किला’ नाम से भी जाना जाता है.

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