डॉ. दुष्यन्त त्रिपाठी ने शास्त्रीय गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया

kala ankurचार मार्च को कला अंकुर अकादमी मे डॉ. दुष्यन्त त्रिपाठी ने अपने शास्त्रीय गायन से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया । डॉ. दुष्यन्त त्रिपाठी शास्त्रीय संगीत के अन्तर्राष्ट्रीय ख़्याति प्राप्त कलाकार एवं प्रतिष्ठित संगीत गुरू हैं, आप छात्रों को शास्त्रीय संगीत की परम्परागत बारीकियों से परिचित कराकर विद्यार्थियों में संगीत के प्रति ललक एवं जागरूकता उत्पन्न करते रहें हैं । कला अंकुर अकादमी में आयोजित विषेष गोष्ठी में त्रिपाठी जी ने छात्रों को एवं अन्य आगन्तुक श्रोताओं को अपने गायन से भाव-विभोर किया तथा छात्रों के प्रष्नों के उत्तर देकर उनकी जिज्ञासा शांत की । इसी बीच कला अंकुर के अनुरोध पर आपने स्थानीय अकादमी में छात्रों को शास्त्रीय संगीत की गहराई से परिचित करवाते हुए सम प्राकृतिक रागों के भेद छात्रों को बताये तथा राग सारंग व राग भैरव के प्रकारों से अवगत कराया। तबले पर संगत लता नोबल ने की। कला अंकुर की संगीत अध्यापिका श्रीमती सोनू माथुर ने आगन्तुक अतिथियों को डॉ. दुष्यन्त त्रिपाठी का परिचय दिया । इस अवसर पर कला अंकुर के संरक्षक श्री कमलेन्द्र झा, उप संरक्षक श्री अनिल जैन, अध्यक्ष श्री आनन्द गार्गीया, अकादमी प्राचार्य श्री श्याम नारायण माथुर, प्रषासक श्री रवि शर्मा आदि सदस्य एवं अकादमी के छात्र उपस्थित थे।

(आनन्द गार्गीया)
अध्यक्ष

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