खुले में शौच से मुक्ति को लें अभियान की तरह -डाॅ. मलिक

खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए आज अरड़का और करकेड़ी ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों ने लिया संकल्प
PROAJM Photo (1) Dt. 04 August 2015अजमेर 04 अगस्त। जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक ने कहा कि खुले में शौच समाज के लिए एक बेहद शर्मिंदगी भरा अभिशाप है। हमें अपने मौहल्ले और गांव को इस अभिशाप से मुक्त कराने के लिए स्वयं दिलचस्पी लेकर इस कार्यक्रम को अभियान के रूप में लेना होगा। समाज के सभी वर्ग, खासकर महिलाओं के लिए खुले में शौच सबसे ज्यादा परेशानी वाली और अपमानजनक स्थिति है। हमें अपनी महिलाओं को सम्मान देने के लिए इस घृणित स्थिति को बदलना होगा।
जिला कलक्टर डाॅ. आरूषी मलिक द्वारा जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत आज अरड़का एवं करकेड़ी़ ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को घरों में ही शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित किया गया। गांवों में स्कूली बच्चों एवं जागरूक नागरिकों की टोलियां गठित कर उन्हें खुले में शौच करने वालों को हतोत्साहित करने की जिम्मेदारी दी गई। ग्रामीणों ने भी संकल्प लिया कि वे अपने गांव को इस अभिशाप से मुक्ति दिलाएंगे।
जिला कलक्टर डाॅ. मलिक ने मंगलवार को जिले के अरड़का एवं करकेड़ी गांवों में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान खुले में शौच से मुक्ति के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि खुले में शौच सबसे ज्यादा महिलाओं और बालिकाओं के लिए परेशानी का कारण है। घर में शौचालय नहीं होने से उन्हें अंधेरे में असुरक्षित और गंदगी भरे स्थानों पर शौच के लिए जाना पड़ता है। खुले में शौच गंावों में कई तरह की बीमारियों का कारण भी बनती है।
जिला कलक्टर ने गंावों के पुरूषों, स्कूली बच्चों और जागरूक युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने गांव में बदलाव लाने के लिए सक्रिय सहयोग करें। गांवों में खुले में शौच करने वालों को हतोत्साहित करें। खुले में शौच करने वालों को देखकर सीटी बजाने, उन्हें माला पहनाने जैसे उपाय इस लक्ष्य की प्राप्ति में कारगर साबित हो सकते है।
उन्होंनें कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार आमजन को इस अभिशाप से मुक्ति के लिए 12 हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी दे रही है। लेकिन अभियान की सफलता के लिए जरूरी है कि हम अपने घर, मौहल्ले, गांव और जिले को इस अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करें। सभी मिलकर इस पुनीत कार्य में सहयोग करेेंगे तो निश्चित रूप से सफलता हासिल होगी।
डाॅ. मलिक ने कहा कि ग्रामीण अपने निवास पर शौचालय का निर्माण करवाएं, उन्हें तुरन्त सहायता राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। शत-प्रतिशत शौचालय वाली ग्राम पंचायतों में केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाखों रूपए के विकास कार्य भी करवाएं जाएंगे।
दोनों गांवों में स्कूली बच्चों ने उत्साह पूर्वक कहा कि हम कल से ही ऐसे लोगों को हतोत्साहित करने के लिए सुबह टोलियां बनाकर निकलेंगे। जो भी खुले में शौच करता मिला उसके समक्ष सीटी बजाएंगे । गांव में एक भी घर ऐसा नहीं रहेगा जहां शौचालय ना बना हों। दोनों ही ग्राम पंचायतों में जागरूक नागरिकों की समितियां गठित की गई है। यह समितियां लोगों को घरों में शौचालय निर्माण के प्रति जागरूक करेंगी तथा खुले में शौच के प्रति हतोत्साहित करेंगी।
इस अवसर पर जिला परिषद के ए.सी.ई.ओ. श्री जगदीश चन्द हेड़ा, उपखण्ड अधिकारी श्री हीरालाल मीणा, स्वच्छ भारत मिशन के परियोजना समन्वयक श्री विजेन्द्र सिंह राठौड़ सहित अन्य अधिकारी व ग्रामीण उपस्थित थे।
जिला कलक्टर डाॅ. मलिक एवं अन्य अधिकारियों ने ग्रामीणों को साथ लेकर गांव में लोगों से आग्रह किया कि खुले में शौच के अभिशाप को समाप्त करने के प्रयासों में सहयोग करें।

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