साझी उत्सव सामाजिकता का सन्देश देने वाला पर्व

nnnnmmmmmmअजमेर / लोक पर्व एवं संस्कृति सागर द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी लोक संस्कृति, की छटा बिखेरता, अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने, धरती मां के श्रृंगार करने के द्वारा कलात्मक सौन्दर्य बोध का सन्देश देने वाला पर्व ‘‘सांझी’’ सुन्दर विलास स्थिति गर्ग भवन में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। संस्था अध्यक्ष उमेश गर्ग ने बताया कि 15 दिवसीय उत्सव के समापन पर फूलों एवं रंगों से श्री कृष्ण की लीलाओं का चित्रण कर पूजा गया। ‘‘सांझी’’ दिखने में रंगोली जैसी लगती है लेकिन इसका महत्व कही ज्यादा है। सांझी एक मात्र कला ही नहीं अपितु प्रभु अराधना का तरीका है। सांझी के समय राधा कृष्ण के अटूट प्रेममयी लीलाओं एवं संवादों को पदों के रूप में गाया जाता है। श्राद्ध पक्ष में मनाया जाने वाला यह उत्सव एक मात्र कला ही नहीं अराधना का तरीका है। प्रभु के प्रति अपने प्रेम को प्रकट करने का साधन है।
इस अवसर पर श्री राधा एवं कृष्ण की प्रेममयी रसमयी लीलाओं का रंगों एवं पुष्पों द्वारा चित्रण कर सांझी के पद गये गये। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल ने कहा कि, सांझी उत्सव कला, प्रकृति प्रेम, भक्ति, एकता सौहार्द और सामाजिकता का सन्देश वाला पर्व हैं, ये हमारी भावनाओं को जीवन्त रखे हुए है, ऐसे सभी पर्वो को संरक्षण एवं पुनर्जीवित कर भव्यता प्रदान करने की आवश्यकता है। ये हमारी संस्कृति एवं संस्कारों को स्थापित रखने में महत्वपूर्ण है।
प्रभु की यह अनूठी लोक कला जिसकी शुरूआत स्वयं राधा जी ने की है। आज विलुप्त होने के कगार पर है। टी.वी. कम्प्यूटर के इस युग में हम अपनी संस्कृति को भुलाते जा रहे हैं। जिससे हमारी संवेदनायें कम हो रही हैं। और समाज एवं परिवारों के विघटन का यह एक महत्वपूर्ण कारण है।
आज सांझी उत्सव में भगवान की लीलाओं का चित्रण पुष्प एवं रंगों द्वारा ंसस्था की महामन्त्री तरूणा गर्ग द्वारा किया गया। संस्था महामन्त्री तरूणा गर्ग ने बताया कि इस अवसर पर महिला बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने रसिक वैष्णव भक्तों के साथ सांझी की आरती की। इस अवसर पर श्रीमती रामज्योत गर्ग, योगबाला वैष्णव, सुनीता शर्मा, रूपा शर्मा, खुशी शर्मा, वनिता जैमन सहित अनेक रसिक भक्त उपस्थित थे।
सांझी उत्सव पर गाये गये पदः
1. वन की लीला लालहि भावे, पत्र प्रसून्न बीच प्रतिबिम्ब ही रख सिख प्रिया जनावे।
2. फूलन बीनन मैं गई जहां जमुना कूल द्रमन की भीड़ …………..
3. राधा प्यारी कहो सखियन सो ……………………
4. चल सखिन जल साझी बनाई …………………….आदि …….

वृतिका शर्माु वनीता जैमन अरूणा गर्ग

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