अजमेर में अब न टूटेंगे और न सीज होंगे अवैध निर्माण

nagar nigam meeting27 नवम्बर को अजमेर नगर निगम की साधारण सभा हुई। इस सभा में जो महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया उससे अब शहरी क्षेत्र में अवैध निर्माण न तो टूटेंगे और न ही सीज होंगे। इसके विपरीत पुराने नियमों के तहत सभी अवैध निर्माण को नियमित कर दिया जाएगा। इस निर्णय का असर हाइकोर्ट के उस आदेश पर भी पड़ेगा जिसमें चिन्हित 490 अवैध निर्माणों को तोडऩे अथवा सीज करने के आदेश दिए गए थे। राज्य सरकार ने भवन निर्माण के लिए नये बायलॉज बनाए हैं। इन बायलॉज को लेकर 27 नवम्बर को साधारण सभा आहूत की गई। कांग्रेस और भाजपा के अधिकांश पार्षदों में पहले से ही आपसी सहमति थी इसलिए कोई बड़ा विवाद नहीं हुआ। सभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पुराने शहर में जो भी निर्माण हुए हैं उन सबको पुराने नियमों के तहत ही जुर्माना लेकर नियमित कर दिया जाए। सभा में कहा गया कि सरकार के नये बिल्डिंग बायलॉज अजमेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम द्वारा बनाई गई बाहरी क्षेत्र की कॉलोनियों में ही लागू होगी। असल में मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का शुरू से ही सकारात्मक रूख था जो भी निर्माण हो गए हैं उन्हें कोई रास्ता निकाल कर नियमित कर दिया जाए। इसके दो फायदे होंगे एक निगम की आय बढ़ेगी और दूसरा किसी को भी नुकसान नहीं होगा। चूंकि कांग्रेस के पिछले बोर्ड ने अनेक कारणों से नक्शे स्वीकृत नहीं हुए इसलिए बिना मंजूरी के ही निर्माण हो गए। अब ऐसे निर्माणों को ही अवैध माना जा रहा है। गहलोत का यह भी मानना रहा कि लोगों ने निर्माण अपनी खरीदशुदा जमीन पर ही किए हैं।
नहीं आए सुझाव:
नये बिल्डिंग बायलॉज को लेकर पार्षदों और जागरूक लोगों से सुझाव मांगे गए थे। लेकिन एक भी पार्षद ने लिखित में सुझाव नहीं दिए। जागरूक लोगों के नाम पर सिर्फ एक व्यवसायी टोपनदास ने ही सुझाव दिए।
भाजपा पार्षद ने जताई नाराजगी:
मात्र एक पुराने नक्शे के आधार पर चार दीवारी क्षेत्र के दायरे को बढ़ाने पर भाजपा के पार्षद नीरज जैन ने कड़ी आपत्ति की। जैन ने आरोप लगाया कि चार दीवारी और गैर चार दीवारी क्षेत्र में शहर को विभाजित कर भेदभाव किया जा रहा है। इस निर्णय से दरगाह बाजार, नया बाजार, नला बाजार, धानमंडी, डिग्गी बाजार, मदार गेट, देहली गेट, आगरा गेट आदि क्षेत्र के अवैध निर्माण तो नियमित हो जाएंगे, जबकि बाहरी क्षेत्र में हुए निर्माण नियमित नहीं होंगे। निगम को अवैध निर्माणों को लेकर एक समान नीति बनानी चाहिए। जैन ने अपनी ही पार्टी के बहुमत वाले बोर्ड पर आरोप लगाया कि इस निर्णय से प्रभावशाली लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। जैन ने कहा कि सभी हिस्सों में एक ही नियम लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरे सुझाव को शामिल करके प्रस्ताव को पास करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंगगढ़ से लेकर वैशाली नगर तक अवैध निर्माणों की भरमार है। जिसका मुख्य कारण नगर निगम के अधिकारी है। उन्होंने कहा कि आना सागर के संरक्षित क्षेत्र में लगातार निर्माण का कार्य हो रहे हैं और निगम के अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण लाईट व सफाई व्यवस्था चौपट हो गई। जिसके कारण जनआक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने ने कहा कि मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान ठेकेदारों ने गैर जिम्मेदाराना रवैया रखा। जिस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई।
भाजपा के वरिष्ठ पार्षद भागीरथ जोशी ने निगम में एकल खिड़की पर नक्शे पास करने के दौरान हो रही गड़बडिय़ों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आम आदमी तो अपने घर का नक्शा पास कराने के लिए निगम कार्यालय में भटकता रहता है और रसूकदारों के नक्शे नियमों को ताक में रख कर पास कर दिए जाते हैं। उन्होंने खसरा संख्या 4844 में कृषि भूमि होने के बावजूद 17 नवम्बर को एक साथ दस नक्शे पास होने की जानकारी मेयर को दी। इस पर मेयर ने जांच कराने का आश्वासन दिया।
यह हैं नये चारदीवारी क्षेत्र:
चारदीवारी क्षेत्र के अनुसार पूर्व में परकोटे से घिरे हुए क्षेत्र को माना जाता था, जबकि मेरवाड़ा म्यूनिसिपल रेग्यूलेशन के अंतर्गत सीमाओं का निर्धारण कियागया था, जिसमें पश्चिमी सीमा जिसमें तारागढ़ से बाबूगढ़ पहाड़ी तथा दौलत बाग जिसे की वर्तमान में सुभाष उद्यान के नाम से जाना जाता है। उत्तर सीमा में केसरबाग रोड वर्तमान में जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के सामने वाला क्षेत्र से माल रोड वर्तमान में इंडियान मोटर सर्किल चौराहा। पूर्व सीमा में कचहरी रोड से ब्यावर इंपोरियल रोड वर्तमान में गर्वमेंट कॉलेज। दक्षिण सीमा में रेलवे अस्पताल के सामने वाली सड़क चांदमारी तथा इस्लाम गंज व वर्तमान के रामगंज क्षेत्र से तारागढ़ को जाने वाली सड़क।
इन सीमाओं में आने वाले क्षेत्र को चारदीवारी क्षेत्र माना जाएगा। पूर्व में इन्हीं सीमाओं में बसे शहर को परकोटा क्षेत्र माना जाता था, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में नगर निगम द्वारा नक्शों को पास करने के लिए शहर के देहली गेट, मदार गेट, ऊसरी गेट, आगरा गेट व त्रिपोलिया गेट के क्षेत्रों को ही परकोटा क्षेत्र माना जाता था। नए नियमों में संशोधन के बाद इन सीमाओं में आने वाले सभी वार्ड परकोटे में शामिल होंगे तथा इन क्षेत्रों में बिल्डिंग बायलॉज लागू नहीं होंगे। महापौर गहलोत ने परकोटे क्षेत्र में भी शीघ्र ही नए नियम लागू करने के लिए साधारण सभा बुलाने का प्रस्ताव भी रखा है। (एस.पी. मित्तल)
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1 thought on “अजमेर में अब न टूटेंगे और न सीज होंगे अवैध निर्माण”

  1. 100 FT KI SAHRAK OUR COLONEYS MI GHARO KI BHAR JO RAMP BANA KAR SARAK OUR HIGHWAY STATE HIGH WAY PER ATIKAR ANDEHA KAR ACCIDENT ROJ HO RAHE HAI,,EXAMPLE NASIRABAD ROAD PER DAV SCHOOL SE LIKAR ADARSH NAGER GATE PER SAB SE JYADA ACCIDENT HOTE HAI VAHU PAANWALE KI PAAS ICICI BANK KA SHIDE EK MAIN KARAN BHI HI PARSAD KO DHIKAYE NAHI DETHA HAI SHAYED

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