जन्म-मृत्यु पंजीयन हेतु जवाजा में प्रशिक्षण आयोजित

शत-प्रतिशत पंजीयन के दिये दिशा-निर्देश ,पहचान पोर्टल संबंधी समस्याओं का किया निराकरण
1ब्यावर, 21 मार्च। जन्म-मृत्यु की घटनाओं का शतप्रतिशत पंजीयन करने हेतु मंगलवार को पंचायत समिति जवाजा सभागार में प्रशिक्षण आयोजित किया गया। ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी जवाजा श्रीमती शबनम खोरवाल ने उक्त जानकारी दी।
जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रशिक्षण शिविर में पंचायत समिति जवाजा क्षेत्रा के सभी ग्राम सेवक, कनष्ठि लिपिक, नगर परिषद ब्यावर, अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं निजी चिकित्सालयों में जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीयन का कार्य करने वाले कार्मिकों ने भाग लिया। जवाजा की ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी शबनम के अनुसार जन्म-मृत्यु संबंधी घटनाओं के शतप्रतिशत पंजीयन करने के उदेद्श्य से आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग अजमेर की उप निदेशक श्रीमती पुष्पा मेहरा व प्रशिक्षक अंकित चौहान, विकास अधिकारी जवाजा शिवदान सिंह एवं सांख्यिकी अधिकारी जवाजा ब्लॉक ने संभागियों को आवश्यक दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी तथा पहचान पोर्टल से संबंधित समस्याओं का निराकरण भी किया गया।–00–
आकाशवाणी के जरिए
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्रा करेंगी 22 मार्च को प्रातः 10 बजे जनता से सीधा संवाद
ब्यावर, 21 मार्च। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्रा श्रीमती अनिता भदेल बुधवार 22 मार्च को प्रातः 10 से 11 बजे आकाशवाणी के जरिए प्रदेश की जनता से सीधा संवाद करेगी।
कार्यक्रम के अनुसार श्रीमती भेदल बुधवार को सुबह 10 से 11 बजे राज्य के सभी प्राइमरी, लोकल रेडियो स्टेशन, एफएम-विविध भारती आकाशवाणी केन्द्रों से महिला बाल विकास विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यां एवं बाल विवाह रोकने में राज्य सरकार के प्रयासों, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सशक्त महिला – विकसित राजस्थान आदि कई विषयों पर श्रोताओं से सीधे बातचीत करेंगी।
आकाशवाणी विविध भारती जयपुर के केन्द्र प्रमुख राकेश जैन के अनुसार महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्रा श्रीमती अनिता भदेल से प्रदेश की जनता बुधवार प्रातः 10 से 11 बजे तक आकाशवाणी के फोन नं. 0141-2200600, 2200700 और 2200800 पर फोन कर सीधे संवाद कर समस्याओं का समाधान पा सकती है। –00–
राजकीय चिकित्सालय के समय में एक अप्रैल से होगा परिवर्तन
ब्यावर, 21मार्च। राज्य सरकार के निर्देशानुसार राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर एवं इससे सम्बद्ध राजकीय सिटी डिस्पेन्सरी मेवाड़ीगेट व ऐडपोस्ट डिस्पेन्सरी चांगगेट का एक अप्रैल 2017 से 30 सितम्बर 2017 तक समय परिवर्तित हो जाएगा, जिसके तहत प्रातः 8 से दोपहर 12 बजे तक एवं सायं 5 बजे से सायं 7 बजे तक चिकित्सालय का समय रहेगा। इसी प्रकार रविवार एवं राजपत्रित अवकाश के दिनों में प्रातः 9 से प्रातः 11 बजे तक का समय रहेगा। उक्त जानकारी प्रिन्सिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. एम.के.जैन ने दी। –00–
आखातीज 28 अप्रेल को,बाल विवाह रोकने हेतु वातावरण निर्माण के लिए प्रशासन सतर्क
ब्यावर,21मार्च। आगामी 28 अप्रेल को अक्षय तृतीया(आखातीज) के अबूझ सावे पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है तथा बाल विवाह के विरूद्ध वातावरण निर्माण करने हेतु जिला कलक्टर ने जिला व उपखण्ड स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने सहित अन्य उपाय करने के निर्देश जारी किए हैं।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल के अनुसार बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं उपखण्ड अधिकारी के कार्यालयों में नियंत्राण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। कलेक्ट्रेट अजमेर के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट-शहर अजमेर नियंत्राण कक्ष के प्रभारी होंगे, उपखण्ड मुख्यालय पर संबंधित उपखण्ड अधिकारी (बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी) नियंत्राण कक्ष के प्रभारी होंगे। उन्होंने बताया कि जिले में गठित विभिन्न स्वयं सहायता समूह किशोरी समूह , महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी को बाल विवाह के विरूद्ध वातावरण निर्माण के लिए सक्रिय किया जा रहा है। ऐसे व्यक्ति व समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी होते हैं जैसे पण्डित, पण्डाल व टेन्ट लगाने वाले, हलवाई, ट्रान्सपोर्टर्स, प्रिन्टर, बैण्ड-बाजा इत्यादि से बाल विवाह में सहयोग ना करने का आश्वासन लिया जाएगा, साथ ही उन्हें कानून की जानकारी दी जाएगी। गांव व मोहल्लों के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, वहां समन्वित रूप से समझाईश की जाएगी। जहां आवश्यक हो, कानून द्वारा बाल विवाहों की रोकथाम करेंगे। बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न विभाग यथा-महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत समिति के ग्राम स्तरीय कार्मिक प्रभावी कार्यवाही करेंगे। साथ ही पटवारी ग्राम सेवक, अध्यापक इत्यादि को बाल विवाह की आशंका या सूचना होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए पाबन्द किया जा रहा है।
उन्होंने सभी उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि बाल विवाह निषेध अधिकारी के रूप में सक्रिय रहकर बेहतर तरीके से कर्तव्यों का निर्वहन करें। जो अभिभावक बेटियों के विवाह के खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं हैं तथा इस कारण बाल विवाह करवाते है, उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान कराएं तथा सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रचार-प्रसार कराएं। प्रमुख व्यक्तियों की पहचान करके उन्हें बाल विवाह रूकवाने की जिम्मेदार में सहभागी बनने के लिए प्रेरित करें। धार्मिक गुरूओं तथा विभिन्न धार्मिक संस्था प्रधानों को भी बाल विवाह के दुष्परिणामों की एवं कानूनी प्रावधानों की जानकारी दें तथा इस कार्य में उनका भी सहयोग प्राप्त करें। –00–

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