अजमेर 17 अक्टूबर। कांग्रेस के विरोध के चलते अजमेर विकास प्राधिकरण को अपनी आवासीय योजना का नाम बदलना पड़ गया है। कांग्रेस का कहना है कि प्राधिकरण ने जो योजना राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नाम से अनुमोदित की थी। राजमाता शब्द पर कांग्रेस की आपत्ति के बाद अब एडीए ने विजयाराजे सिंधिया नगर नामकरण ही किया है।
शहर कांग्रेस प्रवक्ता मुजफ्फर भारती के अनुसार अजमेर विकास प्राधिकरण ने जनवरी 2017 में माकड़वाली में पृथ्वीराज नगर से लगती हुई आवासीय योजना बनाई थी जिसका नामकरण राजमाता सिंधिया आवासीय योजना किया गया था। शहर कांग्रेस ने 9 जनवारी को एडीए चैयरमैन षिवषंकर हेडा के समक्ष आपत्ति करते हुऐ ऐसे किसी भी नामकरण को गलत बताया था जिससे सामंतवाद झलकता हो। कांग्रेस ने हेडा को कानूनी रूप से भी अवगत करवाते हुऐ बताया था कि राजमाता उपाधी का प्रयोग स्वतंत्र भारत मे असंवैधानिक एवं नियम विरूद्ध है। भारतीय संविधान के 26 वें संविधान संषोधन 1971 के द्वारा अनुच्छेद 363-ए में रचित किया गया था जिसके अनुसार पूर्ववर्ति महाराजा, राजाओं इत्यादी सामंती शासकों के प्रति पद की समाप्ति के साथ ही राजा, महाराजा, राजकुमार, राजकुमारी इत्यादी उपाधियां को समाप्त कर दिया गया था इस प्रकार संविधान के अनुच्छेद 18 (1) में इस प्रकार की उपाधियों के प्रयोग पर रोक है।
सोमवार को एडीए अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा की अध्यक्षता मे सम्पन्न एडीए बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्ताव में योजना के नाम से राजमाता शब्द हटा दिया गया है अब इस योजना का नाम विजयाराजे सिंधिया नगर योजना होगा। लैकिन पूर्व में इस योजना को राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नाम से बोर्ड बैठक में अनुमोदित किया गया था। राजमाता शब्द पर आपत्ति कानून और शहर कांग्रेस के विरोध के चलते के बाद अब एडीए ने विजयाराजे सिंधिया नगर नामकरण ही किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन का कहना है कि विजयाराजे सिंधिया भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक थीं और मध्यप्रदेष की राजनीति में जरूर उनका योगदान था लैकिन इसका यह मतलब नहीं होना चाहिये कि राजस्थान में किसी योजना का नामकरण राज्य में मुख्यमंत्री की माता या सत्ताधारी दल के किसी संस्थापक सदस्य के नाम पर हो यह कतई गलत परंपरा है। उन्होने कहा कि विजयाराजे सिंधिया का राजस्थान के परिपेक्ष्य में कोई महत्वपूर्ण योगदान नहीं है यहां कई ऐसे महापुरूष गुजरे हैं स्वतंत्रता सैनानी हैं सामाजिक क्रांति के कई नायक राजस्थान की धरा पर अपना योगदान दे चुके है उनके नाम पर योजनाओं का नामकरण होना चाहिये ना कि मुख्यमंत्री को खुष करने के लिये उनकी माता के नाम पर।