अजमेर | कुचामनके टैगोर कॉलेज में मानवाधिकार दिवस के मौके पर आयोजित बेटियों के जीवन जीने के अधिकार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय की प्राणिशास्त्र विभाग की व्याख्याता डॉ. भारती प्रकाश ने कहा कि जीवन जीने का अधिकार संवैधानिक अधिकार ही नहीं बल्कि प्राकृतिक अधिकार भी है, इसे छीनना या सीमित करना मानवता के प्रति गंभीर अपराध है। डॉ. भारती ने कन्याभ्रूण हत्या आैर बेटियां अनमोल विषय पर विस्तार से व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि समाज द्वारा इसे मात्र अपने अहम पूर्वाग्रहों पारिवारिक दबाव से मुक्ति के मार्ग के रूप में देखा जाता है। डॉ. भारती ने कहा कि पत्ते, शाखाएं आैर फल पुन प्राप्त हो सकते हैं, लेकिन यदि जड़ को ही समाप्त कर दिया जाए तो जीवन दुबारा प्रारंभ नहीं हो सकता। इसलिए सोच का नजरिया बदलने की मूल आवश्यकता है।