जो तू मेरा होय रहे सब जग तेरा होय…

13012018 (4)अजमेर 13 जनवरी। कीर्तन में मुख से राम बोला जाता है और कानों से प्रभु नाम अंतर्मन में जाता है। लेकिन लिखित जप सर्वाेत्तम है, इसमें मुख, कान के साथ आंखों से भी भगवान का जप हो जाता है। क्योकि लिखते समय नजरें राम पर टिकी रहती हैं। यह बात शांतानन्द उदासीन आश्रम पुष्कर के महंत हनुमानराम उदासीन महाराज ने शनिवार को 54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा महोत्सव के 14वें दिन शनिवार को प्रवचन करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि रामायण में भगवान राम के कीर्तन करने को प्रधानता दी गई है। राम का नाम जपना बहुत बडी बात है, राम जप के चमत्कार से हमारे शास्त्र भरे पडे हैं। राम नाम की महीमा का विस्तृत उल्लेख रामायण में गजेन्द्र मोक्ष के जरिए बताया गया है। गजेन्द्र ने भगवान राम का नाम पूरा न बोलकर सिर्फ रा शब्द का ही उच्चारण किया था। उसने यह उच्चरण इतने समर्पणभाव से किया कि प्रभु को साक्षात प्रकट होना पडा।
राम नाम की महीमा का प्रताप है कि नाम जपकर वाल्मीकि ब्रहम के समान हो गए। उनमें ऐसा ब्रहम ज्ञान उत्पन्न हुआ कि भगवान राम के जन्म से 10 हजार साल पहले रामायण की रचना कर डाली। राम नाम इतना प्रभावकारी है कि कोई एक बार भी जप कर ले तो उसके जन्मजन्मांतर के पाप मिट जाते हैं।
महाराज ने भजन जो तू मेरा होय रहे सब जग तेरा होय…का भावार्थ बताते हुए कहा कि मन, वचन और कर्म से प्रभु राम के बन जाएं, जब भक्त भगवान का बन जाता है तो भगवान उस पर सदैव कृपा बरसाते हैं। शास्त्रों में बताया गया है भगत नामदेव ने भगवान का इतने मनोयोग से सुमिरन किया कि भगवान ने उन्हें 72 बार दर्शन दिए। नाम जप का प्रताप ही ऐसा है कि इसे जपनेभर से राम दौडे चले आते हैं। हद्य और आत्मा में परमात्मा को रखेंगे तो वे फल जरूर देंगे। भगवान की भक्ति की पराकाष्ठा संत कबीर और शबरी में देखने को मिलती है। जिन्होंने नाम जप से ही भगवान का आशीर्वाद पाया।
संत बताते हैं मोक्ष प्राप्ति का मार्ग: श्यामदास महाराज
सदगुरु बालकधाम किशनगढ के महंत श्यामदास महाराज ने भी रामभक्तों प्रवचनों से निहाल किया। उन्होंने कहा कि भगवान का नाम जपना यानी ऐसा कार्य करना जो संत करते हैं। संतों का काम प्रवचन के जरिए राम नाम जप और प्रभु की आराधना कराना है। जिस तरह पेड बिना कुछ लिए छाया और फल देता है उसी तरह संत भी जीव को को प्राप्त ज्ञान के जरिए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताते हैं।
जीव को मनुष्य योनी मोक्ष के लिए मिलती है, इसे सत्संग में लगाए। प्रभु स्मरण के लिए समय निकालें। मन में एक बार राम बस जाएंगे तो जन्मजन्मातार सफल हो जाएगा। दीन दुखियों की सेवा करें, ऐसे काम करें जिससे इस पावन देवभूमि का नाम दुनियाभर में पूजा जाए।उन्होंने भजन मेरे रामजी तेरा सहारा, कहीं छूट जाएगा दामन तुम्हारा…सुनाया।
राम हमारी आत्मा है, हमारे प्राण: ओंकार सिंह लखावत
मुख्य अतिथि ओंकार सिंह लखावत ने कहा कि जिसके पास राम का नाम हो उसे किसी ओर चीज की जरूरत ही नहीं पडती। राम का स्मरण करने वाले को सृष्टि की हर चीज व सुख प्राप्त होता है और संसार से जाने के बाद भगवान की शरण मिलती है।
भारत को देवों की धरती रही है, यहां जन्म लेना पुण्य के समान है। राम हमारी आत्मा है, हमारे प्राण हैं। राम नाम की परिक्रमा करना तो चारों धाम की परिक्रमा करने के समान है। हिन्दुस्तान की आत्मा में राजा राम रचे बसे हैं। हम पर कई आक्रमण हुए, आक्रांताओं ने कुचक्र फैलाए लेकिन कोई भी इस देश से राम को नहीं मिटा सका।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के शासन में आने के बाद हुए कार्याे का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान राम के वनवास और अयोध्या वापसी के यात्रा मार्ग में पडने वाले हर मंदिर को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के लिए योजना को स्वीकृति प्रदान की, इस योजना पर काम अनवरत जारी है।
इसी तरह भगवान कृष्ण के मथुरा से लेकर वृंदावन, खाटू श्याम, सांवरियां जी जेसे समस्त मंदिरों का विकास किया जा रहा है। अजमेर के पुष्करराज में सृष्टि के रचियता ब्रह्माजी के मंदिर के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करोडों रुपए स्वीकृत किए। मेहन्दीपुर बालाजी, खाटू श्याम, डिग्गी कल्याण जी मंदिर, चारभुजा, बेण्श्वर धाम, रामदेव मंदिर में भी विकास कार्य प्रगति पर है।
14वां दिन: राम नाम परिक्रमा को उमडे रामभक्त
54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम परिक्रमा महोत्सव में प्रतिदिन हजारों की संख्या में रामभक्त परिक्रमा कर रहे हैं। परिक्रमा का सिलसिला 14वें दिन भी बना रहा। सह संयोजक उमेश गर्ग ने बताया कि विश्व में सर्वाधिक विधिवत संकलित 54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम महामंत्रों की परिक्रमा 15 जनवरी तक की जा सकेगी।
दोपहर के सत्र में श्रीराम राज्य मण्डल की ओर से संगीतमय सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रस्तुति दी गई। मंडल के राजू ओझा, प्रतीक ओझा, प्रणय ओझा, ओमप्रकाश ने राग रागिनियों, दोहों और छंदों के माध्यम से सुंदरकांड पाठ के दौरान रामभक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। प्रसिद्ध वायलिन वादक सचेतन राम और मास्टर नरेन्द्र ने क्लासिकल धुनों से सुंदरकाड पाठ को उंचाईयां प्रदान की।
अयोध्या नगरी में इनको मिला सम्मान
उत्कृष्ट कार्य करने वाले समाजसेवी दिनेश परनामी, प्रेस फोटोग्राफर मुकेश परिहार आदि का समिति की ओर से सम्मान किया गया। श्रीराम नाम धन संग्रह बैंक की ओर से 84 लाख राम नाम का हस्तलेखन पूर्ण करने वाले साधक लीला जोशी, बाबूलाल मौर्य व मूलशंकर का प्रशस्ति पत्र देकर बहुमान किया गया। ओम प्रकाश मंगल, सुमित खेतावत, किशनचन्द बंसल, विष्णु प्रकाश गर्ग और गौरांग किशनानी यजमान रहे।
शाम को महाआरती में अपार जनसमूह उमडा, सामूहिक रूप से राम नाम की आरती में सह संयोजक कंवल प्रकाश किशनानी, सत्यानारायण भंसाली, उमेश गर्ग, मणिलाल गर्ग, अशोक टांक समेत बडी संख्या में रामभक्त शामिल हुए।
प्रभु भक्ति के साथ देशभक्ति का मिलन
देर शाम हुई भजन संध्या में सप्तक परिवार की ओर से भगवान राम को समर्पित ‘वन्देमातरम्’ कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। डॉ एवी पांडे ने वाद्ययंत्र के जरिए यशोमति मैया से बोले नंदलाल…भजन की धुन बजाकर कार्यक्रम का आगाज किया।
प्रियंका कपूर ने भजन जय राम श्रीराम…, गायत्री गौड ने पायो जी मैने राम रतन धन पायो…, रविन्द्र जैन ने जग में केवल राम…, राजीव सक्सेना ने ऐसी लागी लगन…के जरिए माहौल को भक्तिमय बना दिया। नीरज जैमन ने देशभक्ति गीत होंठो पे सच्चाई रहती है…, ललित चतुर्वेदी ने मधुवन खुश्बू देता है…,रमेश सोनी ने देखो ओ दीवानों तुम ये…, विवेक पारीक और विजय जोशी ने भारत म्हारो देश…, जगदीश वच्छानी ने चल अकेला चल अकेला…के जरिए प्रभु भक्ति के साथ देशभक्ति का मिलन कराया।
विनय कपूर ने भजन मैली चादर ओढ के कैसे…, गरिमा खींची ने कान्हा आन पडी में…, कुमारी मुस्कान कोटवानी ने मैं कहता डंके की चोट पर…मुकेश परिहार ने राम का गुणगान करिए…, के जरिए रामभक्तों को निहाल किया।
दीक्षिता जैन ने देश रंगीला… और आकांक्षा वैद्य ने शिवमहीमा… की नृत्यमय प्रस्तुति से दर्शकों की दाद हासिल की। अतिथि कलाकार सीताराम शर्मा ने घुघरू से मनमोहक धुन बजाई। मेडोलिन के जरिए दयाल सैनी ने सजन रे झूठ मत बोलो की…की धुन बजाई तो श्रोता गीत गुनगुनाने लगे। प्रज्ञा गौड ने वंदेमातरम…प्रस्तुति से वातावरण को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।
भजन संध्या के बीच में गोप मिरानी ने वाद्ययंत्र हवाइन गिटार से भजन ऐ मालिक तेरे बंद हम की धुन छेडी तो भक्त झूमने लगे। बीएन माथुर ने भी वाद्ययंत्र के जरिए सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा…धुन बजाई।
कार्यक्रम के दौरान दीक्षिता जैन द्वारा प्रस्तुत एकांकी को खूब सराहा गया। रविन्द्र जैन ने कल्याण मंत्र की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ दीपिका शर्मा और उदघोषक वृतिका शर्मा ने किया।
रविवार 14 जनवरी के प्रस्तावित कार्यक्रम
मध्यान्ह 2ः30 बजे रामानुज संकीर्तन मण्डल के लक्ष्मण पण्डित व साथियों की ओर से सुन्दरकाण्ड पाठ की प्रस्तुति दी जाएगी। शाम 5ः30 बजे उदयपुर के पुष्करदास महाराज प्रवचन करेंगे। इसके बाद उत्कृष्ठ कार्य करने वाले समाजसेवियों आदि का सम्मान होगा। महाआरती के बाद शाम 7ः30 बजे संस्कृति द स्कूल और निनाद संगीत अकादमी द्वारा भगवान राम को समर्पित ‘उद्भव’ कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी। इस कार्यक्रम में अशोक पंसारी, श्याम बंसल, गोकुल अग्रवाल, अनिल गर्ग और सुरेश चारभुजा यजमान रहेंगे।

विजय मौर्य
प्रचार प्रमुख
श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा समारोह समिति
मो. 988790727
7

error: Content is protected !!