डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम 1 अप्रैल से

अजमेर। अजमेर, उदयपुर और अलवर जिलों में आधार कार्ड समर्थित बैंक खातो में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम एक जनवरी से लागू होने के बाद अब राज्य के अन्य 30 जिलों में भी यह योजना आगामी एक अप्रैल से लागू होने जा रही है। प्रारंभ में इस योजना के तहत 11 केंद्रीय एवं 4 राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को लिया जाएगा।
कलेक्टे्रट के सभाकक्ष में आज इस संबंध में अजमेर संभाग के भीलवाड़ा, टोंक व नागौर जिलों के अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें अजमेर जिले सहित 53 अधिकारियों ने भाग लिया। जिला कलक्टर श्री वैभव गालरिया ने कार्यशाला में अधिकारियों को संबोधित करते हुए अजमेर जिले को इस योजना के लिए दी गई पायलट प्रोजेक्ट जिम्मेदारी का निवर्हन करने और केंद्र व राज्य सरकार द्वारा इस जिले को योजना के क्रियान्वयन में मिली प्रशंसनीय सफलताओं और इसके लागू करने में आने वाली चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिले ने देश में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे सफलतापूर्वक लागू कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी इस कार्यशाला में प्राप्त तकनीकी प्रशिक्षण का गहन अध्ययन कर अपने जिले में भी इसे लागू करने में उपयोग में लायें और सरकार द्वारा गरीबों को राहत देने वाली इस योजना के महत्व को समझें।
भारतीय सांख्यिकी सेवा के राज्य समन्वयक डॉ. हंसराज यादव ने बताया कि यह प्रशिक्षण आगामी एक अप्रैल से राज्य के अन्य 30 जिलों में शुरू होने वाली आधार समर्थित बैंक खाता डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
बैंक ग्रामीण के घर के दरवाजे तक पहुंचेंगे
डॉ. यादव ने बताया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य इस योजना के माध्यम से दूर दराज ग्रामीण क्षेत्र में निवास कर रहे गरीब काश्तकार को सरकार की योजनाओं का लाभ बैंकिंग के माध्यम से उनके घर के दरवाजे तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि इसके लिए बैंक कॉरसपोंडेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है। ये कॉरसपोंडेंट ग्रामीण के घर जाकर माइक्रो एटीएम के माध्यम से मुखियाओं को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम व अन्य बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार शीघ्र ही ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा में जॉब कार्ड, पैंशन व अन्य अनुदान योजनाओं में आवेदन करने के लिए आधार कार्ड नम्बर जरूरी करेगी। इसलिये ग्रामीणों को इस योजना के महत्व को विशेष रूप से समझने की जरूरत है।
राज्य लेखा सेवा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी सुरेश कुमार वर्मा ने कार्यशाला में उपस्थित सभी संभागीयों को पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से आधार एन्रोलमेंट, फिंगर प्रिंट प्रक्रिया, दस्तावे$जो के प्रमाणीकरण के लिए की जाने वाली कार्यवाही, ई-आधार पोर्टल, डाटा फीडिंग, ई आई डी और यू आई डी तथा ई-आधार से सूचना प्रपत्र व प्रिंट आउट लेने आदि के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन मौहम्मद हनीफ, प्रोटोकॉल अधिकारी श्रीमती सुनीता डागा, एनालिस्ट कम प्रोग्रामर आशुतोष गौतम सहित भीलवाड़ा, टोंक व नागौर जिलों के चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास, जिला बैंक प्रबंधक सहित अन्य संबंधित तकनीकी अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।

 

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