नाबार्ड महा प्रबंधक जीजी माँमेन का अजमेर दौरा

20130619_122605राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) राजस्थान के मुख्या महा प्रबंधक जीजी माँमेन ने अजमेर का दौरा किया . दौरे के दौरान उन्होंने बरोदा राजस्थान ग्रामीण बैंक के प्रभंदन से मीटिंग की, दुमाडा गाँव में स्वयं सहायता समूह कार्यक्रम का अवलोकन किया, अजमेर केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिकारीयों और और नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही प्राकृतिक संसाधन प्रभंधन पर अम्ब्रेला कार्यक्रम विषय पर मदार स्थित स्वयं सेवी संस्थान में संस्थाओं के अधिकारीयों , कृषि विज्ञानं संस्था के मुख्या वैज्ञानिक डा. जी एस माथुर , पशु पालन विभाग के डॉ मानेकर, बैंक ऑफ़ बरोदा के अग्रणी प्रबंधक श्री ज. एल सुथार एवं नाबार्ड के एजीएम श्री सुधीर  शर्मा के साथ विस्तृत चर्चा की.

DSC09104श्री माँमेन ने बताया कि नाबार्ड की योजना का उद्देश्य ग्रामीण परियोजनों को ऋण एवं अनुदान के माध्यम से सहयोग देना है जिस से ग्रामीणों का जीवन बेहतर हो सके. इस कार्यकृम के अंतर्गत आजीविका उपार्जन गतिविधियाँ , अक्षय उर्जा , बायो गैस , वानिकी , कृषि प्रणाली प्रबंधन , बगान और बागवानी , जैविक खेती, उर्जा वृक्षारोपण, अजोला की खेती, शहद, गोंद, आंवले का प्रसंस्करण आदि गतिविधियाँ सहायता के पात्र हैं . राजस्थान के ग्रामीण शेत्रों में इन गतिविधियों की बहुत संभावनाएँ हैं जो स्वयं सेवी सँस्थाएँ नाबार्ड से वित्तीय सहयोग लेकर प्रारंभ कर सकती हैं. प्रोजेक्ट तैयार करने में  भी नाबार्ड के तकनीकी विशेषग्य संस्थाओं की मदद करेंगे. दुमाड़ा ग्राम पंचायत के राजीव गाँधी सेवा केंद्र में आई.सी.आई.सी.आई बैंक और राजस्थान समग्र कल्याण संसथान द्वारा आयोजित स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों हेतु समारोह में भाग लिया एवं स्वयं सहायता समूह की योजना से हुए लाभ का अवलोकन किया . कार्यकृम में दुमाड़ा, नदी प्रथम , मक्रेडा, कोताच , एवं केसरपुरा गाँव के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने भाग लिया. समारोह में समूहों के अध्यक्ष एवं साचिवों , आईसीआईसीआई बैंक के श्री अंशुमन, नाबार्ड के श्री सुधीर शर्मा , बैंक ऑफ़ बरोदा के श्री सुथार , सरपंच  श्रीमती रुकमा देवी, संसथान के श्री दीपक एवं श्री श्याम ने अपने विचार रखे. नाबार्ड की वित्तीय सहायता से गठित इन समूहों की ग्रामीण महिला सदस्यों को नियमित बचत, आतंरिक ऋण एवं बैंक ऋण से हुए लाभ के विषय में जानकारी प्रदान के गयी. श्री सुधीर शर्मा ने बताया कि नाबार्ड द्वारा समूह गठन हेतु वित्तीय सहायता ग्रांट के रूप में प्रदान की जाती है और गठन के 6 महीने बाद समूह की गुणवत्ता के आधार पर बैंक लोन उपलब्ध कराते हैं जिसमे कोई सिक्यूरिटी नहीं ली जाती . पिछले वर्ष बैंकों ने अजमेर जिले में १८०० समूहों को ऋण उपलब्ध कराये थे. श्री मामेन ने 17 स्वयं सहायता समूहों के लिए आईसीआईसीआई बैंक द्वारा स्वीकृत Rs 24 लाख के ऋण के लिए बैंक के अधिकारीयों को बधाई दी . उन्होंने कहा कि समूहों को वित्तपोषण करना बैंक के लिए एक व्याव्हार्य बिज़नस मॉडल है.

दुमाड़ा के लगभग 45 स्वयं सहायता समूह सदस्यों के लिए नाबार्ड द्वारा प्रायोजित कौशल निर्माण कार्यक्रम(स्किल डेवलपमेंट Programm) का भी श्री मामेन ने उद्घाटन किया . इस कार्यकृम के अंतर्गत राजस्थान समग्र कल्याण संसथान के मास्टर ट्रेनर महिलाओं को बैग एवं अन्य हेंडीक्राफ्ट के  सामान तैयार करने हेतु प्रशिक्षण देंगे. संसथान द्वारा समूह के निर्मित सामान की बिक्री की  व्यवस्था मेलों में और दुकानों पर की जाएगी.

 DSC09124जीजी मामेन द्वारा अजमेर जिले के प्रथम बिजली रहित कोल्ड स्टोरेज का उद्घाटन किया गया l इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित किसानो को  वैज्ञानिक तकनीक से खेती एवं उचित फसलोत्तर प्रबंधन अपनाने की सलाह दी l नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक श्री सुधीर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की उक्त “जीरो एनर्जी कूल चैम्बर”, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) के वित्तीय सहयोग एवं कृषक विकास संस्थान, अजमेर  की  तकनीकी सहायता से जिले का प्रथम “जीरो एनर्जी कूल चैम्बर”, का निर्माण भगवानपुरा ग्राम पंचायत के सूरजकुंड गाँव स्थित श्री मदन लाल चौपडा के खेत पर करवाया गया है l चैम्बर के विषय में कृषक विकास संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जितेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि उक्त  चैम्बर में फल, फूल, सब्जी, दूध  अंडे इत्यादि 5 दिन से लेकर 25 दिनों तक सुरक्षित रखे जा सकते है l उन्होंने बताया की पिछले दिनों लाल पके टमाटरो को 28 दिनों तक रखा गया जिसमे वे ना केवल ठोस बने रहे बल्कि उनके वज़न में भी बढ़ोतरी हुई l इसी तरह गुलाब का फूल 4 दिन , पालक 3 दिन, मिर्ची 1 सप्ताह तक रखी गयी और उसकी गुणवत्ता पर किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ा l श्री चतुर्वेदी ने बताया की जब बाहर का तापमान 40 – 42 डिग्री था, तो चैम्बर के अन्दर का तापमान  18  डिग्री तक था l कूल चैम्बर की यह विशेषता इसकी विशेष तकनिकी बनावट के कारण है, जो की बूँद-बूँद पानी के टपकने और हवा के नियंत्रण द्वारा संभव होता है l इस प्रकार के कूल चैम्बर के निर्माण उत्पादन के आधार पर किसान अपने खेत पर आसानी से करवा सकता है l यह 2 टन से 15 टन तक की क्षमता के बनाये जा सकते है और इनकी लागत भी क्षमतानुसार 15000 रु से लेकर 1 लाख रु तक आती है l निर्मित चैम्बर 6 टन क्षमता का है . जब बाज़ार में मांग के अनुरूप फूल- फल सब्जी का उत्पादन ज्यादा होता है तो ऐसे में उचित भाव मिलने तक किसान अपने उत्पाद को आवश्यकता के अनुसार रोक सकता है l इसी सन्दर्भ में श्री सुधीर शर्मा ने बताया की अजमेर जिले में ऐसे कुल 5 चैम्बर बनाये जाने है जो की जिले के फल फूल सब्जी उत्पादन क्षेत्र में प्रस्तावित है l उन्होंने आगे जानकारी दी की उक्त प्रकार के कूल चैम्बर स्वयं सहायता समूह और किसान क्लब के सदस्य मिलकर भी निर्मित कर उससे अपनी आय में वृद्धि कर सकते है l इसके अतिरिक्ति किसान अपने अन्य साथी किसान का अतिरिक्त उत्पादन भी इसमें भंडारित कर उन्हें भी अतिरिक्त लाभ दिलवा सकते है l 

-सुधीर शर्मा, एजीएम नाबार्ड

1 thought on “नाबार्ड महा प्रबंधक जीजी माँमेन का अजमेर दौरा”

  1. Sir main Ajeet Singh Bihar ka vasi hun pashupalan brihad paiman par karana Chahata hun mera margdarshak bane

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