वाशिंगटन। अमेरिका ने भारत में ईधन की किल्लत को देखते हुए शेल गैस निर्यात का रास्ता साफ कर दिया है। अमेरिकी सरकार ने ऐसे देशों को तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के निर्यात की मंजूरी दी है, जिनके साथ अमेरिका का मुक्त व्यापार समझौता नहीं है। भारत के लिए यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।
इस फैसले की घोषणा करते हुए अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने कहा कि टेक्सास स्थित कंपनी फ्रीपोर्ट एलएनजी को अपने क्विंटाना स्थित टर्मिनल से ऐसे देशों को घरेलू एलएनजी निर्यात की सशर्त अनुमति दी गई है। फ्रीपोर्ट की परियोजनाओं में चीन, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों की कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है। ऐसे में भारत को तत्काल इस फैसले का लाभ मिलने के आसार नहीं है। लेकिन भविष्य में अमेरिका के दूसरे टर्मिनलों पर ऐसी ही मंजूरियों के जरिये भारतीय कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में अमेरिकी गैस आयात करने का रास्ता खुल गया है।
अमेरिका के मौजूदा कानूनों के तहत केवल ऐसे देशों को ही प्राकृतिक गैस के निर्यात की मंजूरी दी जाती है, जिनके साथ अमेरिका का मुक्त व्यापार समझौता है। जिनके साथ यह समझौता नहीं है, उन्हें निर्यात की सशर्त मंजूरी ही दी जा सकती है। प्रस्तावित निर्यात से अमेरिका को आर्थिक लाभ मिलेगा।
टेक्सास स्थित फ्रीपोर्ट संयंत्र से रोजाना 1.4 अरब घन फुट गैस के निर्यात की मंजूरी दी गई है। इससे पहले 2011 में सबाइन पास एलएनजी टर्मिनल से गैर एफटीए देशों को रोजाना 2.2 अरब घनफुट एलएनजी निर्यात की मंजूरी दी गई थी। भारतीय कंपनी गेल ने लूसियाना स्थित इस टर्मिनल से सालाना 35 लाख मीट्रिक टन गैस एलएनजी आयात का करार किया है। यह आपूर्ति वर्ष 2017-18 से शुरू होने के आसार हैं।