दल बदलने पर नेता के साथ पूरे कार्यकर्ता भी जाते हैं?

क्या किसी नेता के पार्टी बदलने पर पार्टी के कार्यकर्ता पूरे के पूरे दूसरी पार्टी में शिफ्ट हो जाते हैं? यह सवाल हाल ही दलबदल या एक गठबंधन से दूसरे गठबंधन में चले जाने से उठ खडा हुआ है। राजनीति की बारीक जानकारी रखने वाले मानते हैं कि हर नेता के साथ पार्टी के कार्यकर्ता … Read more

क्या राज्यपाल के अभिभाषण की परंपरा पर पुनर्विचार होना चाहिए?

राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा में पहले सत्र में राज्यपाल का अभिभाशण संपन्न हो गया, इतिहास में दर्ज भी हो गया, चंद दिन बाद उसे लोग भूल भी जाएंगे, हद से हद वर्तमान सत्र तक चर्चा में रहेगा। मगर चंद सवाल पीछे छूट गए हैं। वो यह कि क्या अभिभाशण की परंपरा पर फिर से विचार … Read more

राम मंदिर: विधि विधान से महत्वपूर्ण है आस्था

हिंदू उदार है, कट्टर नहीं, इस कारण उसे फर्क नहीं पडता कि राम मंदिर की प्राण प्रतिश्ठा में पूरे विधि विधान का पालन किया जा रहा है या नहीं, उसकी आस्था तो भगवान राम में है। एक ओर जहां प्राण प्रतिश्ठा की तैयारियां जोर षोर से चल रही है, जिसको लेकर आम आदमी में भारी … Read more

वसुंधरा राजे: अबूझ पहेली

वसुंधरा राजे एक अबूझ पहेली बनी हुई है। वे इन दिनों क्या सोच रही हैं? उनकी गतिविधियां कैसी हैं? उनकी आगे की रणनीति क्या है? क्या उनकी चुप्पी तूफान से पहले की षांति है? क्या वे जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये उक्ति की पालना करते हुए तटस्थ हैं? क्या उन्होंने हालात के साथ … Read more

वही अयोध्या जाएंगे, जिन्हें रामजी बुलाएंगे

इन दिनों अजमेर में ख्वाजा साहब का उर्स चल रहा है। इसके लिए कई खादिम ख्वाजा साहब को चाहने वालों को उर्स में आने का औपचारिक निमत्रण भेजते हैं। बावजूद इसके जायरीन आएंगे या नहीं, इसके बारे में यही कहा जाता है कि वही अजमेर आते हैं, जिन्हें ख्वाजा बुलाते हैं। यकायक ख्याल आया कि … Read more

मुख्यमंत्री के नाम पर कोरी टोरेबाजी

एक भी चुनावी पंडित ऐसा नहीं है, जो यह नहीं कहता हो राजस्थान के मुख्यमंत्री का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन में है, वे जिसे चाहेंगे, उसे बना देंगे। बावजूद इसके सभी विष्लेशक पिछले छह दिन से टोरेबाजी करने से बाज नहीं आ रहे। एक भी खोजी पत्रकार ऐसा नहीं है, जिसने मोदी व … Read more

न्याय व्यवस्था पर एक सवाल

दोस्तों, आज एक सवाल, जो जनचर्चा में है। निचली अदालत के फैसले को जब सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से गलत ठहरा देता है तो प्राथमिक स्तर पर कडा फैसला करने वाले को क्या आर्थिक या अन्य किस्म का दंड देने वाले का प्रावधान नहीं होना चाहिए, क्योंकि उसके फैसले से खामियाजा भुगतने वाले ने जो … Read more

लो अब सीमा को चुनाव भी लडवाया जा रहा है

हम दुनिया में वाकई अजीबोगरीब लोकतांत्रिक लोग हैं। जिसके अवैध रूप से भारत में आ जाने की जांच चल रही है, जिसके फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले में दो जने गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जिसको भारत की नागरिकता मिलना तो अभी बहुत दूर की बात है, उसे हम फिल्म में हीरोइन बनाने की … Read more

प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की स्कूलिंग में बहुत फर्क है

प्रिंट और इलैक्टोनिक मीडिया की कार्यप्रणाली व सोच में कितना अंतर है, भाशा की मर्यादा में कितना फर्क है, इसका अंदाजा आप वरिश्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग, एन के सिंह, अनिल लोढा जैसे प्रिंट बेस्ड पत्रकारों के विष्लेशण को सुन कर कर सकते हैं। वे कितना संतुलित बोलते हैं। निश्पक्ष बने रहने का पूरा ख्याल रखते … Read more

सीमा हैदर को लेकर अनाप शनाप बकवास

प्रिंट और इलैक्टॉनिक मीडिया में यूं तो मौलिक रूप से बहुत फर्क है, मगर षीर्शक के मामले में और भारी अंतर है। प्रिंट में कंटैंट का कम से कम षब्दों में सटीक हैडिंग लगाने की परंपरा रही है। हालांकि अब स्टाइलिष हैडिग भी लगाए जाने लगे हैं, मगर टीवी चैनल और यूट्यूब वीडियो में हैडिेग … Read more

राजस्थान में कोचिंग संस्थान के छात्र छात्राओं की आत्महत्याऐ और राजनीतिक दल और मीडिया का मौन

आखिर कब तक होती रहेगी आत्महत्याएं ? आज 9 फरवरी को फिर अखबारों में खबर आई कि शिक्षा नगरी कोटा के ऐलन कोचिंग सेंटर की छात्रा ने चोथी मंजिल की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का दस दिन में यह तीसरा मामला है। आखिर कब तक ऐसा होता रहेगा ? अच्छी तथा … Read more

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