सड़कें यूं उदास तो न थी ….!!

अपनों से मिलने की ऐसी तड़प , विकट प्यास तो न थी शहर की सड़कें पहले कभी यूं उदास तो न थी पीपल की छांव तो हैं अब भी मगर बरगद की जटाएंं यूं निराश तो न थी गलियों में होती थी समस्याओं की शिकायत मनहूसियत की महफिल यूं बिंदास तो न थी मुलाकातों में … Read more

सरकारी व्यवस्था और मजदूर

लोकडाउन के वक्त मजदूरों की रहने की व्यवस्था को क्या किसी ने देखा ! और क्या खाने की व्यवस्था कैसी है किसीने उनकी भूख को पढा ! तो क्यो पूछ रहे हो कि ” यह मजदूर अपने राज्य की तरफ क्यों भागना चाहते है ” मजेदार बात यह है कि यह प्रश्न वो लोग पूछ … Read more

*आज कल का यक्ष प्रश्न*

महाभारत में पांडवों के 12 वर्ष के वनवास के समय एक सरोवर में पानी पीने से पहले यक्ष द्वारा पूछे गए प्रश्न सर्वविदित हैं । ये प्रश्र देश , काल से परे हैं । जीवन मूल्यों से संबंधित प्रश्न हैं । लेकिन आज अब प्रश्न यह है कि क्या हमारे शास्वत जीवन मूल्य बदल गये … Read more

कोरोना तो इंतजार में है

कोरोना खुश है। पिछले दो दिन में ही उसने सफलता के नए झंडे गाड दिए। लाकडाउन 3.0 सोमवार से ही शुरु हुआ और बीते 48 घंटों में देश-प्रदेश में रिकॉर्ड कोरोना के नए मरीज मिले और रिकॉर्ड मौतें हुई। लाक डाउन 3 में सडकों पर भीड और शराब की दुकानों पर बेशुमार शिकार देख कोरोना … Read more

*नसीहत भरी एक पाती अपणो के नाम*

( कोरोना सम्बंधी जागरूकता का एक अभिनव प्रयास , जिसमें पुराने दौर की तर्ज़ पर एक लम्बी चिट्ठी जो ग्रामीण परिवेश के उस दौर की याद ताजा करती है जब लोगो के पास समय का अभाव नहीं था , लोगों के पास फुर्सत ही फुर्सत थी। लोगों के समाचार जानने और अपने मनोभावों को दूर … Read more

लॉक डाउन खत्म होने का इंतजार ना करें

सरकार धीरे-धीरे लॉक डाउन खत्म करेगी क्योंकि सरकार ने सभी को कोरोना बीमारी के बारे में बता दिया है और यह भी बता दिया है कि बीमारी से अमेरिका , स्पेन , इटली , इंग्लैंड , फ्रांस , जर्मनी , रूस , तुर्की , ब्राजील , ईरान आदि विकसित देशों का क्या हुआ है । … Read more

मेरी हम सफर

*(मेरे सपनों की शहजादी)* मैं तब भी झुक कर के बाँध- दिया करूँगा , तुम्हारे पैरों में पायल.. हाँ उस उम्र में भी , जब मेरे घुटनों मे दर्द होता होगा। मैं तब भी सँवार दिया करूँगा, करीने से तुम्हारे , अधपके बालों को..! हाँ उस उम्र में भी , जब मेरी उँगलियाँ कांपती होंगी. … Read more

हाँ , मैं स्त्री हूँ…

हाँ , मैं स्त्री हूँ , एक बहु , पत्नी , माँ और शायद एक बेटी भी हूँ । मैं शायद खुल के रो नहीं सकती , अंतर के दुःख को दिखा नहीं सकती । आज इस क़हर में मुझे सम्बल देना है सबको , अपने प्यार और ममता का आँचल देना है सबको। सुबह … Read more

*हाय हाय ये कैसी मजबूरी*

कभी सोचा नहीं था, ऐसे भी दिन आएँगें। छुट्टियाँ तो होंगी पर, मना नहीं पाएँगे । आइसक्रीम का मौसम होगा,पर खा नहीं पाएँगे । रास्ते खुले होंगे पर, कहीं जा नहीं पाएँगे। जो दूर रह गए उन्हें, बुला भी नहीं पाएँगे। और जो पास हैं उनसे, हाथ मिला नहीं पाएँगे। जो घर लौटने की राह … Read more

*अप्राकृतिक खानपान का नतीजा*- *असाध्य रोग

भौतिकता की चकाचौंध में हम कहाँ से कहां आ गए..संतोषी सदा सुखी और पहला सुख निरोगी काया के मूल मंत्र का परित्याग कर एक ऐसी जीवन शैली को अपनाकर न केवल अपना स्वास्थ्य चौपट कर रहे हैं ब्लकि प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं ,इस लाईलाज बीमारियों के शिकार भी बनते जा रहे हैं, … Read more

फास्टफूड और नाश्ता बनाने वाले तो अपना दूसरे धंधे का झुगाड कर लें।

मित्रों नमस्कार।लॉक डाउन की वजह से आज हम सब लोग अपने अपने घरों में कैद हैं।जाहिर है जब बहुत सारा समय होगा तो इंसान कुछ तो करेगा ही।और फिर कहते भी हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है।वर्तमान में शायद ही ऐसा कोई परिवार होगा जो फास्ट फ़ूड का आदि नहीं हो।या यदा कदा शौंक … Read more

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