महामारी का अंधड़
महामारी का अंधड़ एक मे बाद एक जिंदगी लीलता हुआ हमारी ओर आ रहा है हम अपने अपने दड़बों, बंकरों गुफाओं में छुपे बैठे उसके गुजर जाने का इंतजार कर रहे हैं दरवाजे कस कर बंद कर रखे हैं आस पास बिलखती आह भी इसमें घुस नही सकती क्या सचमुच हम डर रहे हैं या … Read more