चुनाव आयोग के निर्देश अव्यावहारिक व अस्पष्ट

election commission logoचुनाव आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी भवानी सिंह देथा ने यह तो व्यवस्था दे दी कि चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद मतदाता या अभ्यर्थी के अलावा कोई भी राजनीतिक व्यक्ति निर्वाचन क्षेत्र में नहीं रह सकता, मगर यह अस्पष्ट ही है। निर्देश में कहीं भी ये स्पष्ट नहीं है कि राजनीतिक व्यक्ति माने कौन? आयोग किसे राजनीतिक व्यक्ति मान रहा है, राजनीतिक दल के पदाधिकारी सहित सभी जनप्रतिनिधियों को अथवा केवल जनप्रतिनिधि यथा निगम मेयर, नगर परिषद सभापति, जिला प्रमुख, प्रधान, सरपंच, विधायक व सांसद आदि को?
असल में आयोग का यह निर्देश पालना के लिहाज से भी अव्यावहारिक है। एक ओर जहां चुनाव कार्य के लिए बड़े पैमाने पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को लगाया जा चुका है, ऐसे में भला जिले के सभी सामुदायिक केन्द्र, धर्मशाला, गेस्ट हाउस, लॉज, होटल आदि में ठहरने वाले व्यक्तियों की जानकारी तथा बाहर से आने वाले वाहनों पर निगरानी की व्यवस्था करना कैसे संभव हो पााएगा? माना कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश की पालना करने की बात कही है, मगर प्रतीत यही होता है कि किसी बाहरी राजनीतिक व्यक्ति के यहां होने की जानकारी शिकायत होने पर ही मिल पाएगी। यदि कोई नेता किसी के घर पर है तो उसका पता सरकारी मशीनरी को कैसे मिल पाएगा? निर्देश की अव्यवहारिकता का एक पहलु ये भी है कि क्या कोई राजनेता अपने निर्वाचन क्षेत्र से बाहर अपने निजी काम से भी नहीं रुक पाएगा क्या? और यह भी कैसे सत्यापित हो पाएगा कि वह निजी काम से आया है या फिर कोई राजनीतिक गतिविधि कर रहा है?
निर्देश में यह भी लिखा है कि मतदान से 48 घंटे पूर्व की अवधि में अनेक गतिविधियों पर प्रतिबन्ध लगाया गया है, जिनका उल्लंघन करना दण्डनीय अपराध होगा, मगर यह स्पष्ट नहीं है कि दंड किस प्रकार का होगा।
निर्देश में यह भी लिखा है कि चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद टेलिविजन, रेडियो, ऐसे ही अन्य किसी उपकरण या इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रचार करने, एस.एम.एस. या मोबाइल फोन के जरिये चुनाव प्रचार-प्रसार करने पर पाबन्दी रहेगी, मगर यह वाकई संभव हो पाएगा, इसमें संशय ही है। सवाल उठता है कि क्या राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक दलों की ओर से टीवी पर जारी हो रहे वोट अपील के विज्ञापन रोके जा सकेंगे, जबकि चुनाव के एकाधिक चरण अभी बाकी हैं? निर्देश में यह स्पष्ट नहीं है कि क्या चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद 16 व 17 तरीख को छपने वाले अखबारों में विज्ञापन प्रतिबंधित रहेंगे?
-तेजवानी गिरधर

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