आखिर क्यों हुई लेआउट समिति की गुप-चुप बैठक, मिलीभगत का आरोप

हेमन्त साहू
हेमन्त साहू

-हेमन्त साहू– ब्यावर। शहर कर सचिवालय कहे जाने वाले नगर परिषद शहर की जनता के हितो के लिए काम करती है। सरकार का हर काम पारदर्शी  होता है। जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधि शहर के विकास एवं समस्या का निवारण करने के लिए साधारण सभा की बैठक बुलाई जाती है। लेकिन डा. मुकेश मौर्य के सभापति कार्यकाल के बाद कांग्रेस विचार धारा को छोड भाजपा के सहारे से बने नये सभापति लेखराज कंवरिया ने चार माह का कार्यकाल पुर्ण हो जाने के बाद भी साधारण सभा आयोजित नही हुई। परिषद के सदन मे बहुमत रखने वाले कांग्रेस व आजाद भाजपाई शहर के हित के लिए साधारण सभा बुलाने की मांग करते रहे। लेकिन सभापति व आयुक्त आखिर क्या मन मे आई कि गुप चुप लिआउट समिति की बैठक बुलाकर अचानक क्यु अंजाम दिया। गुप चुप हुई बैठक को लेकर मंगलवार एवं बुधवार को कांग्रेस एवं समर्थक पाषर्दो ने रोष व्यक्त करते हुए विरोध जताया। नगर परिषद प्रशासन की कार्यशैली को लेकर पार्षदों ने विरोध जताया। उनका आरोप था कि पिछले दिनों आयोजित हुई लेआउट समिति की बैठक में जो प्रकरण पास हुए हैं उनमें नियमों की पालना नहीं की गई। कांग्रेस पार्षद दलपत मेवाड़ा के नेतृत्व में पार्षदों ने आयुक्त शशिकांत शर्मा के सामने जाकर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत पार्षदों के अधिकारों का हवाला देते हुए पिछले दिनों हुई लेआउट समिति बैठक के आयोजन की प्रोसिडिंग की जानकारी चाही। पार्षद मेंवाडा को आयुक्त शर्मा ने उन्हें शाम 5 बजे कार्यालय में भी बुलाया, लेकिन आयुक्त वे मौका-मुआयना करने का कह कर कार्यालय से चले गए। परिषद नियमन शाखा में प्रभारी जाहिद हुसैन के कहने के बाद पार्षदों ने लिखित में एतराज देना चाहा तो प्रभारी हुसैन भड़क उठे। प्रभारी हुसैन ने लिखित में कोई भी पत्र लेने से मना कर दिया। रोष जताने वालों में दीपसिंह काठात, ज्ञानदेव झंवर, बिरदा सिंह, शांतिलाल सिंगारिया, लीला प्रजापत, मुमा देवी समेत अन्य पार्षद मौजूद थे। पार्षदों ने परिषद प्रशासन की इस हठधर्मिता को लेकर शाम को उपखंड अधिकारी भगवती प्रसाद से मुलाकात की।  पार्षदो ने बुधवार को उपखंड अधिकारी भगवती प्रसाद को ज्ञापन सौपकर उचित कार्रवाई करने की मांग की।

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