ब्यावर से आरएफसी के बिस्तर गोल

-एक अक्टूबर से किशनगढ़ में चलेगा कार्यालय
-नये उद्योगों की यहां संभावना शून्य मानी
-भाजपा राज में ब्यावर पर फिर कहर बरपा

कार्यालय शिफ्ट होने की नोटिस बोर्ड पर लिखाई सूचना।

 

आरएफसी कार्यालय का बोरो में बंधा सामान।
आरएफसी कार्यालय का बोरो में बंधा सामान।

-रामप्रसाद कुमावत- ब्यावर के लिए भाजपा का शासन ‘अच्छे दिनोंÓ की सौगात लेकर आने के बजाय बर्बादी के बीज बोता नजर आ रहा है। औद्योगिक नगरी की पहचान रखने वाले तथा मिनरल उद्योग के रूप में देशभर में विख्यात इस नगरी की राजनैतिज्ञों द्वारा लगातार की जा रही बर्बादी की कड़ी में अब एक और प्रयास जुड़ गया है और मंगलवार को राजस्थान वित्त निगम के ब्यावर कार्यालय ने अपने बोरिया बिस्तर बांधकर यहां से विदाई ले ली है। ब्यावर की इस बर्बादी पर विधायक के पास बहाने के लिए दो बूंद आँसू तक नहीं दिखे। आखिर पूछा जा सकता है कि क्या इसी तरह ब्यावर के अच्छे दिन लायेंगे और विकास का नक्शा दिखायेंगे?
ब्यावर शहर के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए करीब तीन दशक पूर्व ब्यावर में राजस्थान वित्त निगम की शाखा स्थापित की गई जिसे बाद में क्रमोन्नत कर पूरे कार्यालय के रूप में संचालित किया जाने लगा। इस निगम कार्यालय की स्थापना के बाद ब्यावर में सैकड़ों लघु उद्योगों ने ऋण लेकर कारोबार स्थापित किया तथा ब्यावर की पहचान बनाने में इसका सक्रिय योगदान रहा। लेकिन अब भाजपा सरकार तथा विधायक को लग रहा है कि ब्यावर में औद्योगिक विकास की कोई संभावना नहीं है, इसलिए उन्होंने ब्यावर के इस दफ्तर को मार्बल मंडी किशनगढ़ में स्थानान्तरित करा दिया है।
पिछले तीन दशक से ब्यावर के आरएफसी कार्यालय द्वारा करीब 500 करोड़ से अधिक का ऋण देकर यहां छोटे-बड़े 3000 उद्योग स्थापित करने में योगदान दिया। मजे की बात यह है कि ब्यावर के इस कार्यालय द्वारा ऋण लेकर उद्योग लगाने वाला कोई भी उद्यमी दिवालिया नहीं हुआ और न ही ऋण चुकाने में असमर्थता के कारण दोषी ठहराया गया। कोई 8-10 इकाईयां ही ऐसी निकली जिनकी निलामी कर वसूली करनी पड़ी। शेष ने तो समय पूर्व ऋण चुकाकर विभाग द्वारा उत्कृष्ट इकाईयों की सूची में अपना नाम दर्ज कराया। ब्यावर के इस कार्यालय ने मिनरल, टेक्सटाईल, सिरेमिक, सीमेंट-एस्बेस्टोज, रंगाई-पुताई, प्रिटिंग प्रेस, इलेक्ट्रिक उपकरण, बैट्री उद्योग, प्लास्टिक व पेपर बैग इण्डस्ट्री सहित अनेक फूड प्रोडक्ट्स बनाने की इकाईयों तक को ऋण देकर ब्यावर में अच्छा औद्योगिक क्षेत्र विकसित कराया। लेकिन अब भविष्य में नये उद्योगों की स्थापना करने वालों को आर्थिक मदद के लिए किशनगढ़ या जयपुर के ही दरवाजे खटखटाने होंगे। ब्यावर की जनता को भाजपा का यह तगड़ा झटका है।

रामप्रसाद कुमावत
रामप्रसाद कुमावत

इससे पहले भी जब भाजपा शासन था तब 2007 में ब्यावर से जिला स्तरीय मुख्य चिकित्सक (सीएमएचओ) कार्यालय स्थानान्तरित कर अजमेर भेज दिया गया। आज तक यह दफ्तर वापस नहीं आया है। इसी तरह रोजगार कार्यालय भी एक बार हटा दिया गया। रेलवे के आरएमएस और टेलीफोन विभाग के अकाउन्ट्स विभाग का दफ्तर भी ब्यावर से अजमेर चला गया।
ब्यावर को जिला बनवाने की डींग हांकने वाले भाजपा शासन की नीयत का इससे साफ पता चल जाता है। केवल थोथी घोषणा करने और झूठे सब्जबाग दिखाकर ‘अच्छे दिनोंÓ का दावा करने वालों की हकीकत जनता के सामने है।

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