स्मार्ट सिटी : सपने में राजपद पाया

नरेन्द्र कुमार जैन सीए
नरेन्द्र कुमार जैन सीए

नींद में एकाएक लगा कि मोदीजी की अमेरिका के सहयोग से अजमेर को स्मार्ट सिटी की घोषणा से रातों-रात अजमेर की किस्मत ही बदल गई है।
मैं सुबह उठकर देखता हूं कि जगह-जगह जो विभिन्न सर्किलों पर फोकट वाले (नि:शुल्क)पोस्टर लगे थे, वे सब हट गए हैं और सर्किल अपने ओरिजनल रूप में अपनी कीर्ति बयां कर रहे हैं। पूर्व में मैं जब भी इन सर्किलों महावीर सर्किल, अग्रसेन सर्किल, जिनदत्त सूरी सर्किल आदि को देखता था तो उनकी दयनीय स्थिति ही सामने आती थी।
आगे चला। मदारगेट से चल कर नला बाजार होता हुआ दरगाह पहुंचा तो नजारा देखता ही रह गया। वह नजारा किसी सपने जैसा था। दोनों तरफ साफ-सुथरी दुकानें, मदारगेट पर कोई खोंमचे, फल आदि के ठेले नहीं मिले। मदारगेट में घुसने से पहले ही वाहन को पार्किंग में रखवा दिया गया और हिदायत दे दी कि अब एक भी बार यदि अन्दर चोपहिया वाहन ले गए तो खैर नहीं।
मेयो कॉलेज से आगे पहुंचा तो देखा कि गुलाबबाड़ी रेलवे क्रॉसिंग पर नया ब्रिज बन गया है, टे्रफिक में अब कोई कठिनाई नहीं है। यह भी देखा कि जो सड़क केे किनारे दोनों ओर जो छोटी-छोटी मीट की दुकानें खुलती जा रही थीं, वे भी हटा दी गई हैं।
मैं अजमेर नगर नियोजन विभाग के जयपुर रोड स्थित दफ्तर पहुंचा। मैंने पूछा कि मास्टर प्लान में व्यावसायिक क्षेत्र को रिहायशी बताए जाने के सम्बन्ध में मैंने जो शिकायत की थी उसका क्या हुआ, तो सम्बन्धित अधिकारी ने बताया कि आपकी शिकायत की जांच कर ली गई है और उसे दुरुस्त करने की कार्यवाही हेतु फाइल उच्च अधिकारियों को जयपुर में फारवर्ड कर दी है। यदि दो सप्ताह में जबाब नहीं आया तो हम किसी व्यक्ति को भेज कर जबाब मंगवा कर आपकी शिकायत दूर कर देंगे, आप निश्चिंत रहें। आपको दोबारा आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह तो हमारा कर्तव्य है। उन्होंने आभार माना कि आपने हमें एक गलती करने से बचा लिया और अब मास्टर प्लान में सुधार होने से भू-उपयोग परिवर्तन की जरूरत नहीं पडग़ी।
जब मैंने बताया कि नाका मदार क्षेत्र में तीन-तीन धर्मकांटे हैं, राजस्थान की सबसे बड़ी आयरन स्क्रेप मंडी है और यह सब गुलाबबाड़ी रेल फाटक से नेहरू नगर होते हुए ज्ञानोदय नगर तक हैं, तो उन्होंने यह माना कि हमने ज्ञानोदय नगर को तो पूरा व्यावसायिक व इण्डस्ट्रियल क्षेत्र दिखाया है, परन्तु गुलाबबाड़ी रेल फाटक से नेहरू नगर तक का क्षेत्र आवासीय ही दिखाया है, यह हमारे विभाग की गलती है। हमें चाहिए था कि जो क्षेत्र 20-30 वर्षों से व्यावसायिक गतिविधियों में संलिप्त हैं, उन्हें तो हमें मास्टर प्लान में व्यापारिक क्षेत्र ही में बताना चाहिए था। अब हम ऐसी गलती नहीं करेंगे और जो गलतियां रह गईं हैं, उन्हें ठीक करने का पूरा प्रयास करेंगे।
आंख खुलने से सपना टूट गया और वापस पुराने राज में लौट आया। मुझे सपने में ऐसा लगा कि अब तो राज-पाट मिल गया है, चिन्ता दूर हो गई है। अब तो स्मार्ट सिटी की घोषणा का मजा ले लें।
काश मिल पाता सपने में राजपद
-एन के जैन सीए

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