क्या ऐसे लापरवाह अफसर अजमेर को बना पाएंगे स्मार्ट सिटी?

vijay kumar hansrajani-विजय कुमार हंसराजानी- अजमेर के एक प्रबुद्ध नागरिक ने पिछले दिनों नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर को फोन कर उनकी कालोनी में एक आवारा कुत्ते द्वारा कई बच्चों को काटने की वजह से और लोगों की जान को खतरा बताने की रिपोर्ट कर उस कुत्ते को पकडऩे को कहा तो उस अफसर ने कहा की आवारा जानवर पकडऩे वाली निगम की गाड़ी खराब है। सवाल ये उठता है कि नगर निगम में क्या एक ही गाड़ी है? या फिर अधिकारी ने अपने फर्ज से पल्ला झाडऩे के लिए ये सब कहा। ज्ञातव्य है कि अजमेर में 25-26 अक्टूबर से मोहर्रम के मौके पर मिनी उर्स है। मोहर्रम में लावारिस पशुओं को पकडऩे की व्यवस्था नगर निगम को करनी है। नगर निगम के इंस्पेक्टर द्ववारा दिया गया जवाब अजमेर की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहा है। जिले में बेशक अनेक धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक संगठन हैं, लेकिन इन सगठनों द्ववारा ऐसे मुद्दों को नहीं उठाया जा रहा, जिसकी वजह से अनेक लोग परेशान हैं। ऐसे ही मुद्दों में हैं आवारा पशु, जिनकी जिले में भरमार है। अजमेर जिले में आवारा पशु की वजह से काफी हादसे होते रहते हैं। आवारा पशु आपको रोड के बीच में बेठे हुए खड़े मिल जायेंगे, जो चलते फिरते डिवाइडर की तरहा होते हैं, इनकी वजासे कई दुर्घटनाएं होती हैं। वो इतनी खतरनाक होती हैं कि जिससे घायल वियक्ति की मौके पर ही मृत्यु हो जाती है। क्या नगर निगम सो रहा है?

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