रलावता के प्रदेश सचिव बनते ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद की भागदौड़ तेज

M S Ralawta 3अजमेर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता के प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के साथ ही प्रदेश सचिन बनने के तुरंत बाद खाली होने वाले पद को लेकर स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की भागदौड़ तेज हो गई है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि नई नियुक्ति कब हो पाएगी, मगर चूंकि यह पद रिक्त होना अब सुनिश्चित हो गया है, इस कारण दावेदार नेताओं के मुंह में लार आना स्वाभाविक है।
ज्ञातव्य है कि विधानसभा व लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद यह तय सा माना जा रहा था कि रलावता की इस पद से मुक्ति होगी ही, मगर चूंकि रद्दोबदल की थोड़ी सी भी सुगबुगाह नहीं थी, इस कारण सारे दावेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे थे। रलावता भी यही कहते सुने जाते थे कि आगामी नगर निगम चुनाव भी उनकी ही देखरेख में होंगे।
जहां तक दावेदारी का सवाल है, हालांकि अजमेर दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके प्रमुख समाजसेवी हेमंत भाटी ने अपनी ओर से कोई दावेदारी नहीं की है, मगर जिस तरह से पुराने स्थापित नेताओं को नजरअंदाज कर उन्हें टिकट दिया गया और लोकसभा चुनाव में भाटी ने जी-जान से सेवा की, आम धारणा यही है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की पहली पसंद वे ही हैं। इसके पीछे तर्क उनकी साधन संपन्नता व खुद की सशक्त टीम होने का दिया जाता है। जानकारी ये है कि उन्हें शहर अध्यक्ष पद संभालने का फौरी प्रस्ताव भी मिल चुका है, मगर फिलवक्त उन्होंने अपना मानस स्पष्ट नहीं किया है। कदाचित सचिन के जोर देने पर वे राजी भी हो जाएं। दूसरे प्रमुख दावेदार मौजूदा शहर उपाध्यक्ष कैलाश झालीवाल माने जाते हैं। उन्हें सचिन की कृपा से ही यह पद हासिल हुआ था। वे कांग्रेस से लंबे समय से जुड़े हुए हैं और खांटी नेता माने जाते हैं। पायलट लॉबी के ही विजय जैन की भी खासी चर्चा है। इसी प्रकार भूतपूर्व शहर अध्यक्ष स्वर्गीय माणक चंद सोगानी के जमाने से महत्वपूर्ण पदों पर रहे प्रताप यादव की भी सशक्त दावेदारी मानी जा रही है। मगर सचिन के लिए समस्या ऐसे नेता को अध्यक्ष बनाने की है, जिसके प्रति सर्वस्वीकार्यता हो, सभी को साथ लेकर चल सके और साधन संपन्न हो। और सबसे बड़ी बात ये कि आगामी नगर निगम चुनाव में पार्टी की प्रतिष्ठा को फिर से कायम रख पाने में सक्षम हो। यूं तो कांग्रेस के सारे धड़ों को एकजुट करना सचिन के आसान नहीं होगा, मगर समझा जाता है कि वे भाटी व पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल के धड़ों को एक जाजम पर बैठा कर ऐसा संगठन बनाने की जुगत में हैं, जिसका कोई विरोध न कर सके।
-तेजवानी गिरधर

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