नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष नरेन शहाणी भगत कांग्रेस में लौट आए हैं। पता लगा है कि उन्होंने भाजपा से जिस उम्मीद में कांग्रेस छोड़ी थी, वह पूरी नहीं हो पाई, इस कारण बेहतर यही समझा कि कांग्रेस ज्वाइन कर लें। ज्ञातव्य है कि उन पर कांग्रेस सरकार के दौरान ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कथित तौर पर फर्जी मामला बनाया था। जब कांग्रेस सरकार ने जाते-जाते भी उनको कोई राहत नहीं दी, तो भाजपा सरकार से इस उम्मीद में कि वह उन्हें मामले से मुक्त कर देगी, ऐन लोकसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस छोड़ दी थी। कुछ लोगों का मानना था कि भाजपा के ही कुछ नेताओं ने उन पर दबाव बनाया था, ताकि वे कांग्रेस के लिए काम न करें। उस वक्त उन्होंने वादा किया था कि जल्द ही उन्हें मामले से बाहर कर दिया जाएगा, मगर उन्होंने एक साले भी ज्यादा समय हो जाने के बाद भी कोई राहत नहीं दी है। हर वक्त तलवार लटकी रहती है। कांग्रेस छोडऩे की वजह से राजनीति खत्म हुई सो अलग। ऐसी तनाव भरी जिंदगी से बेहतर उन्हें ये लगा कि एक बार फिर से कांग्रेस ज्वाइन कर ली जाए। हद से हद से एक बार गिरफ्तारी की नौबत आ सकती है तो उससे अग्रिम जमानत ले कर राहत पाई जा सकती है। रहा मामला, वह तो वैसे भी दमदार नहीं है, इस कारण आखिरी उससे बाहर निकलने ही हैं। समझा जाता कि भगत ने अपने किसी शुभचिंतक के कहने पर ऐसा कदम उठाया है। शुभचिंतक ने सलाह दी थी कि ये भाजपा वाले आपको आने वाले पूरे चार साल तक लटकाए रखेंगे और उसके बाद भी मामले से बरी करवा देंगे, इसमें तनिक संदेह है, ऐसे में बेहतर ये है कि एक बार सरकार के हौवे से मुक्त हुआ जाए, कम से कम राजनीति तो जारी रहेगी।
बुरा न मानो होली है