ब्यावर भाजपा में फिर घमासान

siddharth jainलगभग डेढ़ बरस बाद ब्यावर भाजपा में फिर घमासान मचना शुरू हो गया हे। गत विस चुनावों से ठीक पहले विधायक की मर्जी के मुताबिक़  भाजपाध्यक्ष बदल दिए जाने के बाद सबकुछ ठीक ठाक चलने लग गया था।
हेड़ा, विधायक की आखों के इशारे बखूबी समझते। पार्टी में उसी अनुसार कामकाज होना भी शुरू हो गया।औरों को भले ही हेड़ा से लाख शिकायते रही हो। विधायक को उन्होंने कभी कोई शिकायत तक का मोका नही आने दिया। विधायक के कदम के साथ कदम मिलाकर कर चलने वाले अध्यक्ष को महज अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए बदलने की ठान ली।
विधायक के लिए यही सब उलटा पड़ गया। सब कुछ गुड़ गोबर हो गया। कहावत भी हे कि “नियत साफ हो तो सब कुछ ठीक होता हे।” मेने पहले भी लिखा कि विधायक को अपनी विधायकी के पिछले वाले पांच साल फिर भुगतने पड़ेंगे। अब उसकी फिर शुरुआत हो गई। संगठन स्तर पर फिर घमासान का आगाज़ शुरू हो गया। इसमें आम कार्यकर्ता पिस रहा हे।
शनिवार को चार नि. पार्षदों ने भाजपा ज्वाइन की। पार्टी संविधान के मुताबिक आमतोर पर पार्टी अध्यक्ष भी इस मोके पर मोजूद रहते हे। प्रमुख पदाधिकारियों की गेरमोजूदगी  कार्यकर्ताओ में खासी चर्चा का विषय बन रही हे। रविवार को नीलकंठ में भाजपा की मीटिंग बुलाई गई। मीटिंग संगठन स्तर पर नही। विधायक ने बुलाई हे। उसमे मंडल पदाधिकारियों, पार्षदों, सरपंचो, पस, जिप सदस्यों आदि को आमन्त्रित किया गया हे।लेकिन ब्यावर मंडल अध्यक्ष को न्योतना जरूरी नही समझा।
विधायक के साथ सत्ता हे। संगठन के हाथ में क्या हे? विधायक के समर्थक ऐसे ही महत्वाकांक्षी कार्यकर्ताओ की कोहनी पर “गुड़” लगाने में जुटे हे। नप में नोम्बिनेट पार्षद,विभिन्न समितियों में नियुक्तियाँ आदि आदि। ऐसे ही लालच हे। जो कार्यकर्ताओ को विधायक से जोड़े रखने के काम कर रहे हे। यह सब कार्यकर्ताओ की भावनाओ के साथ खिलवाड़ नही हे तो क्या हे?
होना तो यह चाहिए था कि भाजपा निष्ठ कार्यकर्ताओ को खोज खोज कर उपकृत करने का अपना धर्म निभाते। हो तो यह रहा हे कि विधायक की कौन कितनी हाजरी बजाता हे! भले ही उसका पार्टी से लेना देना नही हो।
सत्ता के आगे पीछे “डोलने” वाले लोग तो लबालब भरे तालाब की पाल के पास एकत्र हुआ कचरे के समान ही हे। जब सत्ता नही रहेगी। सबसे पहले वे ही तालाब को छोड़ देंगे। कहावत भी हे “सत्ता बदलती हे लेकिन इर्द-गिर्द रहने वाले चेहरे नही बदलते।” वो “कचरा” ही फिर वहा आ जुटता हे।
पत्रकार सिद्धार्थ जैन

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