किसानों की सुध कौन लेगा ?

kकेकड़ी विधानसभा क्षेत्र के 57 गांवों में ओलावृष्टि से तबाह हुई फसलों के लिए सरकार ने साढ़े 23 करोड़ रूपए की अनुदान राशि की घोषणा कर किसानों को राहत के छीटें तो लगा दिए हैं…लेकिन सवाल उठता है कि इस बर्बादी से पीड़ित किसानों की सुध लेने कौन जाएगा ? ओलावृष्टि के बाद अब तक क्षेत्र के किसानों की सुध लेने या उनका दुख दर्द जानने की किसी नेता ने जहमत नहीं उठाई है…विधानसभा सत्र में व्यस्त होने से केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम भी किसानों से मिलने के लिए उनके पास नहीं पहुंचे…ना ही पूर्व मुख्य सचेतक और पूर्व विधायक डॉ. रघु शर्मा ने किसानों की सुध लेना उचित समझा…यही नहीं क्षेत्र की दोनों पंचायत समितियों के नवनिर्वाचित प्रधान या जिला प्रमुख वंदना नोगिया ने भी क्षेत्र में कोई दौरा नहीं किया है…इधर जिले के प्रभारी मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी किसानों से मिलने में अभी तक कोई रुचि नहीं दिखाई है…ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जनता ने जिन नेताओं को वोट देकर सिर-माथे बिठाया है…उनसे वो इतनी अपेक्षा भी ना करे कि नेता उनके दुख दर्द में शरीक हो ? जबकि केन्द्रीय मंत्री और सांसद सांवर लाल जाट जिले में पूरी तरह सक्रीय हैं…जनप्रतिनिधियों के ऐसे रवैये से क्षेत्र में जबरदस्त निराशा का माहौल है…गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने विधायकों को दो दिन अपने क्षेत्र में रहकर किसानों से मिलकर सरकार को खराबे की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे…बावजूद इसके विधायक गौतम अभी तक एक बार भी किसानों के बीच नहीं गए हैं…उल्लेखनीय है कि क्षेत्र की जनता ने गौतम को रघु शर्मा के विकल्प के तौर पर चुना था…इसके बाद से ही पूर्व विधायक शर्मा की इलाके में सक्रियता न के बराबर है…ऐसे में क्षेत्रवासियों की विधायक गौतम से बड़ी उम्मीदें हैं…इसके बावजूद गौतम किसानों के बीच जाकर उनकी सुध नहीं लेते हैं तो निराशा होना स्वाभाविक है…
लोक यात्रा की फेसबुक वाल से साभार

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