ब्यावर पुलिस कर रही गोरखधंधा!

पड़ताल में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
police-सुमित सारस्वत- ब्यावर पुलिस गैर कानूनी धंधों में लिप्त अपराधियों से मिलीभगत कर गोरखधंधा कर रही है। शहर थाने में तैनात तीन कांस्टेबल के लाइन हाजिर होने के बाद इस काले कारनामे का खुलासा हुआ।
आईपीएस जय यादव के मुताबिक शहर थाने में तैनात कांस्टेबल शंकर, जितेंद्र व मोहित सिंह के खिलाफ लगातार कई शिकायतें मिली। पुलिस अधीक्षक महेंद्र चौधरी को मामले से अवगत कराने के बाद तीनों कांस्टेबल लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। यादव के मुताबिक तीनों लंबे समय से एक ही थाने में तैनात थे। सट्टा कारोबार से जुड़े बुकी और पंटर से इनके संबंध होने की गंभीर शिकायतें मिली थी। इस पर कार्यवाही की गई। अब नए कांस्टेबल आएंगे जो निष्पक्षता से कार्य करेंगे।
आईपीएस की इस कार्यवाही के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह कि आमजन जानता है कि ब्यावर में बड़ी सट्टा मंडी है। यहां लाखों-करोड़ों रुपए के सट्टे का कारोबार होता है। शराब माफिया भी सक्रिय है। दिनदहाड़े चोरी, लूट, हत्या जैसी गंभीर वारदातें होना जगजाहिर है। बदमाश बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। क्या यह सभी अपराध पुलिस की शह पर हो रहे हैं? क्या इन अपराधों में पुलिस लिप्त है? आखिर क्यों इन अपराधों पर लगाम नहीं लग रही?
जिन तीन कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है वे पुलिस की स्पेशल टीम में शामिल थे। हाल ही छात्र अजय हत्याकांड के खुलासे में इनका अहम योगदान रहा। इससे पूर्व लूट जैसी गंभीर वारदात का खुलासा करने वाली टीम में भी शामिल रहे। शहर थानाधिकारी सत्येंद्र नेगी भी मानते हैं कि इन तीनों का कार्य सराहनीय था। मगर उच्चाधिकारियों का आदेश सर्वमान्य है।
मामले को लेकर ‘सारस्वत मीडिया’ ने पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। सूत्रों के मुताबिक वसूली जैसे गोरखधंधे में एक पुलिस अधिकारी का चालक लिप्त है। इस चालक की काली करतूतों से शायद अधिकारी भी वाकिफ है। मगर कहते हैं कि ऊपरवाला मेहरबान तो बंदा पहलवान।
इतना ही नहीं, एक और कांस्टेबल का नाम सामने आया है। सदर थाने में तैनात यह कांस्टेबल शहर थाना क्षेत्र में वसूली करता है। पूर्व में यह कांस्टेबल शहर थाने में ही तैनात था। तब इसके खिलाफ लोगों को डरा-धमका कर अवैध वसूली करने के गंभीर मामले सामने आए थे। एक पूर्व सभापति के साथ हुए विवाद के बाद यह कांस्टेबल खासा चर्चा में रहा था। जानकारी मिली है कि कुछ दिन पूर्व इस कांस्टेबल ने स्टेशन रोड क्षेत्र से सट्टा पर्ची काटते एक सटोरिए को पकड़ा तो उसने धमकाते हुए बोला कि मैंने छह महीने की मंथली एड़वांस में भिजवा रखी है। यह सुनकर कांस्टेबल को बैरंग लौटना पड़ा।
पड़ताल में शराब के अवैध कारोबार से जुड़ा एक और मामला सामने आया। शहर थाने और न्यायालय से चंद दूरी पर दो शराब ठेके स्थित है। यहां रात आठ बजे बाद भी अवैध शराब खूब बिकती है। इनमें से एक ठेके पर तो पुलिस ने लगाम कस रखी है जबकि दूसरा कारोबारी बेखौफ शराब बेचता है। सूत्रों की मानें तो इस दूसरे शराब पर ठेके पर एक अधिकारी मेहरबान है। यहां गश्त पुलिस कभी नहीं रूकती। अगर सूत्रों की यह सारी बातें सच है तो पुलिस आलाकमान को ब्यावर पर नजरें इनायत कर गंभीरता दिखानी होगी। कहीं ऐसा न हो कि अजमेर के मंथली प्रकरण का इतिहास ब्यावर में दोहरा जाए।
(सारस्वत मीडिया…निर्भिक, निष्पक्ष, विश्वसनीय)

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