अजमेर के महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के वार्षिक समारोह में 18 अप्रैल को प्रदेश के उच्च शिक्षा और तकनीकी मंत्री कालीचरण सराफ को मुख्य अतिथि की हैसियत से भाग लेना था। उसके लिए सराफ ने स्वीकृति भी दे दी थी लेकिन भाजपा के अग्रिम संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने ऐलान कर दिया कि सराफ का अजमेर में विरोध किया जाएगा। कार्यकर्ताओं का कहना था कि सराफ ही अजमेर के ब्यॉज इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य के पद से एम एम शर्मा को नहीं हटा रहे है। जबकि गत कांग्रेस के शासन में खुद सराफ ने विधानसभा में एम एम शर्मा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए 18 अप्रैल को सराफ कार्यक्रम में आए ही नहीं। सराफ की अनुपस्थिति में स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने ही मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई। यह माना जा रहा है कि प्राचार्य एम एम शर्मा के खिलाफ एबीवीपी का जो आंदोलन चल रहा है, उसे देवनानी का समर्थन है। यदि सराफ अजमेर आते तो देवनानी की उपस्थिति में ही विरोध भी होता। सराफ ने अजमेर नहीं आकर राजनैतिक संकट भी टाल दिया।
सिटी मजिस्ट्रेट का सोशल मीडिया पर भरोसा
खबरों की दुनिया में सोशल मीडिया का कितना महत्त्व हो गया है, इसका अंदाजा अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव की पहल से लगता है। इन दिनों अजमेर में सूफी संत ख्वाजा साहब का सालाना उर्स भी चल रहा है ऐसे में हर समय खबरों का अपना महत्त्व है। वर्तमान हालातों में खबरों के लिए अगले दिन अखबार का इंतजार नहीं किया जा सकता और न ही किसी न्यूज चैनल को देखा जा सकता है। घटना की खबर तत्काल सिर्फ सोशल मीडिया ही दे सकता है। इधर घटना घटी और उधर वाटस्अप, फेसबुक, ट्यूटर आदि के माध्यम से सोशल मीडिया पर खबर छा गई। सोशल मीडिया की इस ताकत को पहचानते हुए ही सिटी मजिस्ट्रेट यादव ने दरगाह क्षेत्र में सोशल मीडिया पर सक्रिय दौलत लौंगानी से कहा कि वे वाट्सअप पर क्षेत्र के सक्रिय लोगों का ग्रुप बनाए और उस ग्रुप से सिटी मजिस्ट्रेट से भी जोड़े। यादव ने यह भी सुझाव दिया कि उर्स मेले में संबंधित कोई भी शिकायत और जानकारी हो उसे तत्काल ग्रुप में शेयर करे ताकि घटना की जानकारी प्रशासन को भी जल्द हो जाए। सिटी मजिस्ट्रेट यादव की यह पहल वाकई सराहनीय है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511