बराक ओबामा ने नहीं भेजी दरगाह की चादर

Barack-Obamaमीडिया में लगातार यह प्रचार किया जा रहा है कि अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अजमेर में चल रहे सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के सालाना उर्स में सूफी परंपरा के अनुरूप चादर भेजी है। इस प्रचार के बीच ही 20 अप्रैल को ओबामा की ओर से चादर को पवित्र मजार पर पेश भी कर दिया गया। दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती ने दावा किया कि ओबामा की ओर से भेजी गई चादर को भारत स्थित अमरीकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने उन्हें सौंपा है। सवाल उठता है कि यदि चादर को वाकई बराक ओबामा ने भेजा है तो फिर 20 अप्रैल को चादर को पेश करने के समय अमरीका का कोई राजनेता अथवा अधिकारी उपस्थित क्यों नहीं रहा? चादर खादिम सलमान चिश्ती ही मजार तक ले गए और दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति की चादर की सुरक्षा के लिए एक डीएसपी स्तर का पुलिस अधिकारी उपस्थित था। हालांकि उर्स की वजह से दरगाह में ऐसे कई अधिकारी इधर-उधर तैनात रहते ही हंै। मीडिया में भले ही इस बात का दावा किया जाए कि चादर को बराक ओबामा की ओर से चढ़ाया गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि चादर को न तो ओबामा ने सौंपा और न ही चादर वाशिंगटन से आई है। यह जो भी मशक्कत हुई है, वह भारत स्थित अमरीकी दूतावास तक ही सीमित है। चूंकि इस समय अमरीका के राजदूत रिचर्ड वर्मा भारतीय मूल के हैं, इसलिए उन्होंने अपने स्तर पर चादर पेश करने का निर्णय लिया है। इसमें भी महत्त्वपूर्ण भूमिका दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती की रही है। चूंकि अमरीकी राजदूत ने चादर सौंपी है, इसलिए यह माना जा सकता है कि यह चादर भारत स्थित अमरीकी दूतावास से पेश की गई है। यदि बराक ओबामा चादर भेजते तो अमरीकी सरकार और भारत सरकार के वरिष्ठ मंत्री भी अजमेर आते। आखिर बराक ओबामा और हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोस्त भी हैं। दोनों एक दूसरे से प्रभावित है। यदि मोदी को अपने दोस्त ओबामा की चादर की जानकारी होती तो दोस्ती को और मजबूत करने के लिए मोदी अपनी चादर को भी ओबामा की चादर के साथ ही पवित्र मजार पर पेश करवाते। 20 अप्रैल को जिस साधारण तरीके से चादर को पेश किया गया, उससे यह नहीं कहा जा सकता कि यह चादर अमरीका अथवा उसके राष्ट्रपति की ओर से पेश की गई है।
पहली बार आएगी मोदी की चादर
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी की चादर पहली बार ख्वाजा साहब के 803वें सालाना उर्स में पेश की जाएगी। उर्स में प्रधानमंत्री की ओर से चादर पेश किए जाने की परंपरा रही है। इस परंपरा  को इससे पहले डॉ. मनमोहन सिंह और दूसरे पीएम निभाते रहे हंै।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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