पीएम की जगह सीएम की चादर लाए शाहनवाज

22इसे राजनीति ही कहा जाएगा कि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन 24 अप्रैल को राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे की चादर को लेकर यहां ख्वाजा साहब की सालाना उर्स में आए। हालांकि सीएम की चादर प्रदेश के परिवहन मंत्री युनूस खान लाए थे, लेकिन जयपुर से सीएम की चादर के साथ शाहनवाज भी शरीक हो गए। दस माह पहले तक शाहनवाज की भाजपा के राष्ट्रीय राजनीति में तूती बोलती थी। शाहनवाज को इस बात का गर्व था कि वे भाजपा के एकमात्र मुस्लिम सांसद है, लेकिन जब नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के 283 सांसद जीते तो शाहनवाज बिहार से चुनाव हार गए। इसके साथ ही भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में मुख्तार अब्बास नकवी का रूतबा बढ़ गया। केन्द्र में भाजपा की सरकार के गठन के बाद पहली बार अजमेर में ख्वाजा साहब का सालाना उर्स भरा। उर्स में प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेजने की परम्परा है। शाहनवाज को उम्मीद थी कि पीएम मोदी उनके हाथों ही अजमेर मेंं पवित्र मजार पर चादर पेश करवाएंगे, लेकिन मोदी ने अपनी चादर मुख्तार अब्बास नकवी को दे दी। चूंकि नकवी पीएम की चादर को लेकर आए इसलिए शाहनवाज पीएम की चादर के साथ 22 अप्रैल को अजमेर ही नहीं आए। शाहनवाज ने 24 अप्रैल को उर्स में अपनी उपस्थिति तब दर्ज करवाई जब राजस्थान की सीएम राजे की चादर को लेकर युनूस खान आए। आमतौर पर शाहनवाज अजमेर में मीडिया से खुलकर बात करते थे, लेकिन 24 अप्रैल को शाहनवाज ने मीडिया से कोई राजनीतिक बात नहीं की। शाहनवाज के व्यवहार से साफ लग रहा था कि पीएम मोदी की चादर के साथ नहीं आने का बेहद अफसोस है। यदि सीएम राजे की चादर युनूस खान भी नहीं लाते तो शाहनवाज को सीएम की चादर के साथ आने का मौका नहीं मिलता।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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