पुष्कर में पानी के लिए त्राहि त्राहि- कोन जिम्मदार?

bramha mandir01जनता या जनता से चुन कर आखें मूंद कर सोये रहने वाले जन प्रतिनिधि या आप और हम जो रोज रोज चिल्ला चिल्ला कर पानी मांग रहे हैं- मेरे भाइयो पानी खूब हैं पुष्कर के लिए कोई लेने वाला तो हो- क्या आप हम को पता हैं कि हमे बीसलपुर से कितना पानी रोज दिए जाने की स्वीकृति हैं- में आपकी जानकारी में ला दू जो मुझे पता हैं जो सही भी हैं -पूरा पाच एम् एल डी -यानि 50 लाख लीटर पानी आवंटित हैं । प्रति दिन ले कितना पा रहे हैं मात्र 20 लाख लीटर बाकी 30 लाख लीटर लेप्स । अब जाने की ऐसा हो क्यों रहा हैं तो ये जानकारी में आया कि पुष्कर प़ी एच डी के पास 50 लाख लीटर पानी जमा रखने के लिए कोई इस क्षमता का स्टो रेज का टेंक ही नही हैं -दूसरा कारण जो अजमेर से पुष्कर बीसलपुर वाली पाईप लाईन डाली गई हैं उसका व्यास   इतना कम हैं कि उस लाईन से 24 घंटे में 50 लाख लीटर पानी सप्लाई ही नही किया जा सकता हा यदि कुछ कोशिश भी करे तो 24 घंटे बिजली सप्लाई भी कहाँ मिल पाती हैं सबसे ज्यदाबिजली कटोती पानी सप्लाई का गला घोट देती हैं । इस गम्भीर समस्या का समाधान कोन करेगा ? निश्चित ही हमारेद्वारा चुने हुवे जन प्रतिनिधिओ को ही प्रभावी पहल कर -सप्लाई सिस्टम में कहाँ क्या खामी हैं -इसे सुधारना होगा । पुष्कर पी एच डी के पास भविष्य को ध्यान में रखते हुवे 50 लाख लीटर पानी हर समय जमा रहे इस क्षमता के रिजर्व वाटर टेंक होने चाहिए – पुष्कर हिन्दुओ का सबसे बड़ा धर्म स्थल हैं इसे विध्युत कटोती से मुक्त रखा जाना चाहिए क्यों कि यहाँ प्रतिदिन हजारो देशी विदेशी तीर्थ यात्री पयर्टक आते हैं इन्हें प्राथमिकता दिया जाना हम सभी का फर्ज भी हैं।यदि अजमेर से पुष्कर बीसलपुर का पानी लाने वाली सप्लाई पाईप लाईन का व्यास छोटा हैं तो उस लाईन को बड़े व्यास की बिछाई जानी चाहिए । स्थानीय जल स्रोतों की दशा -पुष्कर सरोवर का जल स्तर मेंटेन रखने के लिए 6 नल कूप हैं इनमे से 2 ए डी ए के व् 4 पी एच डी के । इनके रख रखाव की शर्त पर पी एच डी इनका आधा पानी सरोवर में व् आधा सिटी पेयजल सप्लाई में ले सकती हैं। इन पर भी बिजली कटोती की मार से इन नलकूपो से जितना पानी सरोवर में डालने व् सिटी सप्लाई के लिए मिलना चाहिए नही मिल रहा – और तो और दिन पर दिन इस क्षेत्र के गिरते जल स्तर की मार भी पुष्कर के अन्य जो भी नल कूप हैं उन सब पर पड़ रही हैं । पुष्कर के वर्तमान में जितने भी नलकूप हैं वे रोज रोज तकनीकी खराबी व् कम डिस चार्ज की समस्या से मरम्मत ग्रस्त नजर आते हैं। इतनी चर्चा के बाद घूम फिर कर बस एक ही पूर्ण कालिक समाधान नजर आता हैं कि बीसलपुर से हमारे हक का पानी पुष्कर तक पूरा का पूरा यानि जो हमे 50 लाख लीटर आवंटित हैं किसी भी उपाय से प्रतिदिन मिलना चाहिए और पुष्कर तीर्थ को विद्युत कटोती से पूर्ण रूप से मुक्त रखना चाहिए क्यों कि जल सप्लाई व बिजली का चोली दामन का साथ हैं। बिजली नहीं तो पानी भी नही ये कटु सत्य हैं ना ।   एक बात और जो साधन हमारे पास उपलब्ध हैं उनका सदुपयोग भी होना चाहिए जेसे कि संतोषी माता कोलोनी में बन चुकी उच्च स्तरीय क्षमता वाली टंकी अभी तक शुरू क्यों नही हुई क्या उद्घाटन के चक्कर में तो नही चालू हो रही? अंत में – जब जागो तभी सवेरा – सोये कोन हैं आप और हम या वे जो वोट लेने के बाद बेहोशी की नीद  में मदहोश सोये पड़े हैं? इनको जगाने का पंगा तो केवल मेव मिडिया ही ले सकता हैं क्योकि लोकतंत्र का चोथा स्तम्भ ही एक आशा की किरण हैं जनता का जिस पर अभी भी पूर्ण विश्वाश बना हुआ हैं । उनमे भी हमारा पुष्कर का मिडिया वर्ग तो सबसे जागरूक हैं । अच्छे दिन जरुर आयेंगे हमे आशावान बने रहना चाहिए । सबको सबकुछ मिलेगा पानी भी -उठाओ अपने अपने ढोल ढपली नगारो को -इतने जोर से बजाओ कि इसकी आवाज पुष्कर ही क्या देश की संसद भी गुंजायमान हो उठे – मगर क्या करे हम बन्दर जो ठ हरे – हमारे बीच नल नील अंगद हनुमान आदि एक से एक उर्जा वानो की भीड़ पड़ी हैं – पर सभी को अपनी उर्जा का भान नहीं हैं क्यों कि हमारे बीच कोई जामवंत (सही को सही कहने वाला  अनुभवी श्रेष्ठ बुजुर्ग भूत भविष्य का जानकर नही हैं) नही हैं । पर हमारे पास मिडिया तो हैं । इसे सबकी पता हैं -असली रोग क्या हैं और उसका इलाज किसके पास हैं । संकट में कोई साथ ना दे मगर मिडिया तराजू लेकर दोनों खुली आखों से झाखकर दूध का दूध और पानी का पानी अलग करने में क्षशम जो हैं। हमे ज्यादा दिन रोग को घुलाना नही चाहिए । हमे हमारे दर्द को खुलकर बताना चाहिए वर्ना रोग लाईलाज भी हो सकता हैं एक से एक विशेषज्ञ डाक्टर हमारे बीच (मिडिया में) भरे पड़े हैं।

arun parashar
arun parashar

रोग क्या हैं मोखिक नहीं लिखित में बताना पड़ेगा तभी डाक्टर(पत्रकार)  नब्ज देख जाँच पड़ताल करवा रोग का सही से सही ईलाज कर सकेगा ? अपने रोग का जगत में ढिढोरा पीटने से कोई फायदा नही । अभी लिखते के दोरान भूकम्प महसूस हो रहा हैं। सच को मरने मत दो जागो वरना ऐसे भूकम्प हमेशा जगाते ही रहेंगे । फिर आया भूकम्प जागते रहो । कुछ गलत लिखा हो तो क्षमा करना । बात पर बात आती हैं तो चुप नही रहा जाता हैं । मुझे तो ये बीमारी हैं ।इसलिए जो दिल दिमाग में उपजता हैं सच को सच स्वीकारते हुवे लिख बोल देता हूँ। फिर एक बार पुन क्षमा चाहता हू कि कोई भाई बुरा न माने । जय पुष्कर राज । अभी आये भूकम्प में भगवान सबकी रक्षा करे ।
अरुण पाराशर
9314261954

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