पुष्कर तीर्थ में जल नारायण को लेकर त्राहि त्राहि सुन ब्रह्मा जी ने जल समुन्द्र के राजा की हाजरी जनता दरबार में लगवाई – ये एक संयोग ही हैं कि प्यासों की पुकार भगवान कितनी जल्दी सुनता हैं -पुष्कर की पुकार का दम देखे -खुद ब खुद भारत सरकार के जलदाय मंत्री और स्थानीय सांसद माननीय सांवर लाल जाट स्वयं हमारी रोज की गम्भीर पेयजल समस्या का स्थायी समाधान देने आ गये । एक बारगी तो पत्रकारों के द्वारा पुष्कर में पेयजल समस्या की बात करते ही जलदाय मंत्री जी इसे पूरे देश की आम समस्या बता कर इस विषय से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया वो तो प्यासे अपने सूखे कंठो का दर्द लेकर मोके पर ही अपना दर्द बयाँ करने के लिए मोजूद थे ।फिर क्या था हमारे पुष्कर के मुखर जागरूक सज्जनों ने मंत्री जी के सामने ही पुष्कर तीर्थ की जनता -तीर्थयात्रिओ को निरन्तर हो रही पेयजल की समस्या से अवगत कराते हुवे इसके स्थायी समाधान किये जाने की पुर जोर मांग कर भविष्य में सबको राहत मिल सके – इसकी शुरुआत जागरूक समर्पित लोगो द्वारा सही व्यक्ति से सही समय पर कर दी गई हैं । इस पहल और प्रयास में योगदान देने वालो को साधुवाद तो हैं ही लेकिन असल में आगे की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण हैं कि समस्या का स्थायी समाधान केसे होगा ? इस बात को आगे अंजाम तक पहुँचाने तक चुप नही बैठना ही हम सबका निस्वार्थ लक्ष्य होना चाहिए । अच्छी पहल का दम नही घुटने देना हैं ।
विनय न माने जलधि जड -गये तीन दिन बीत- बोले राम सकोप तब भय बिनु होए न प्रीत।
हश्र बुरा होता नजर आये तो – भय दिखाने में संकोच न कर – अपने अधिकारों के लिए शांति पूर्ण आन्दोलन भी करना पड़े तो पीछे नही हटना । एक विचार – कुछ एक परिश्रमी लोग यदि अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठावान हो तो इतिहास की धारा बदल देते हैं । उठो जागो और आगे बढ़ो – कुदरत उन्ही का साथ देती हैं जो मुड कर पीछे नही देखते । जय पुष्कर राज की।
अरुण पाराशर
9314261954