वशुन्धरा सरकार होटलों पर मेहरबान

पुष्कर की होटलों का नियमन किस निति से होगा ?
Vasundhara Rajeवशुन्धरा सरकार ने आज बड़ी घोषणा करते हुवे समस्त प्रकार की होटल व् पर्यटन ईकाइयों को विकास शुल्क में शत प्रतिशत छुट
– आवासीय ईकाइ का होटल में उपयोग करने पर आवासीय दर की 40 फीसदी ही राशी देनी होगी।
– बिना अनुमति  के बनी होटल व पयर्टन इकाई का नियमन दर की 25 प्रतिशत राशि पर नियमन होगा ।
पॉलिसी में अब तंग सडको पर भी नीति के तहत नियमन किया जा सकेगा। भले वह तीस फीट चोडी सड़क पर ही क्यों न हो । सामान्य मामलों में 40 फीट से कम चोडी सड़क पर होटल को मंजूरी प्रदान नही की जा सकती ।
पुष्कर में वर्तमान में संचालित होटलों की वस्तु स्थिति घोषित नीति और दायरे से भिन्न हैं । पुष्कर में संचालित अधिकतर होटले लगभग 45 वर्षो से पुष्कर की पुरातन गलियों मोहल्लों बाजारों के तंग मार्गो पर चल रहे हैं जिनकी अनुमानित संख्या 150 हैं ।जिनमे कई पूरा हवेलियों इमारतों मकानों में चल रही हैं। जो कि 10 कमरों से अधिकतम 50 कमरों की क्षमता वाली हैं । ज्यादातर विदेशी इन्ही होटलों में ठहरना पसंद करते हैं क्योकि ये होटले कम बजट व पारिवारिक वातावरण से ओत प्रोत होती हैं इसलिए विदेशियों की पहली पसंद होती हैं। इन होटलों से ही पुष्कर के लोगो की आर्थिक प्रगति और रोजगार निर्भर हैं। इन होटलों का आज तक नियमन भी नही हो पाया हैं। ये सब स्थानीय नगर पालिका व सी आई डी ऑफिस में केवल सूचि बद्ध हैं। नियमन नही होने से इन्हें कई प्रकार की समस्याओ से झुझना पड़ता हैं । जब जब भी होटल में कुछ मरम्मत नव निर्माण करना होता हैं नगर पालिका नोटिस लेकर आ धमकती हैं । जेसे तेसे होटल मालिक मजबूरी बताकर अवैध निर्माण तो कर लेता हैं लेकिन उसके खिलाफ कोर्ट में चालान – अवैध निर्माण को नगर पालिका द्वारा गलत बताकर तोड़ देना आम बात हैं। ऐसे में होटल मालिक अपना अपमान धंधे का व माल मटेरिअल का नुकसान मोके बे मोके भुगतता रहता हैं। सबसे बड़ा झटका तो नियमन नही होने से कोई भी बैंक इन होटलों को एक कोड़ी का ऋण भी नही दे सकते । नगर पालिका नियमो का हवाला देकर इनका नियमन नही करती पर भारी भरकम पुष्कर मेला सरचार्ग वसूलना नही भूलती । वेसे ही बिजली जल विभाग भी अपने नियमो से इनसे व्यवसायिक दर से पानी बिजली के बिल वसूलते हैं। राठोडी वसूलने वाले विभाग कहाँ पीछे रहते हैं वे भी नियमो का डंडा व् भय दिखाकर इन्हें नियमित बंधी या जब भी आ धमकते हैं अपनी वसूली नही छोड़ते फिर चाहे पुलिस हो श्रम विभाग हो या सेल टेक्स इन्कम टेक्स हो या फिर प्रदुषण बोर्ड हो सब कोई बढ़ चढ़ कर इन होटल मालिको पर अपना हर समय बनाये रखते हैं । इस कदर त्रस्त होकर भी होटेलियन पुष्कर में विदेशी मेहमानों को निरंतर समर्पित भाव से अच्छी से अच्छी सेवा सुविधा देकर विदेशी पर्यटकों को पुष्कर तीर्थ के प्रति आकर्षित किये हुवे हैं। ये सर्व विदित हैं । कही से किसी भी स्तर से सरकार की कोई मदद सहायता नही फिर भी इन hoteliyno के हिम्मत और बल पर पुष्कर में विदेशी पर्यटन व इनकी संख्या दिन पर दिन बढती ही जा रही हैं । इन आभावो में भी मजबूती से खड़ा हैं यहाँ का होटल व्यवसाय । विदेशियों की मेहमान नवाजी में देश ही नही पूरे विश्व में पुष्कर की अपनी अलग ही पहचान हैं। क्या हमारी राजस्थान सरकार इसके टयूरिज्म विभाग – यहाँ से चुन कर जाने वाले विधायक सांसद इस बात से अनभिज्ञ हैं । क्या कभी सरकार व हमारे चुने हुवे जन प्रतिनिधियों ने जरूरी समझा की यहाँ का होटेलियन किस बुरे हालातो में खड़ा रहकर भी यहाँ पर्यटन को निखार संवार कर आगे बढ़ाता जा रहा हैं?
क्या अब भी पुष्कर का होटेलियन सरकारी कानूनों की मजबूरीयो में पिसता ही रहेगा या सरकारी नीतिओ में शिथिलता दी जाकर जो जहाँ जिस स्थिति में होटल संचालित हैं उसे उसी स्थिति में नियमित किये जाने के अच्छे दिन आएँगे?

arun parashar
arun parashar

वशुन्धरा सरकार की आज घोषित होटल नियमन में छुट का लाभ व पर्य टन नीति का फायदा पुष्कर में संचालित होटलों को मिल पायेगा – एक सपना ही हैं। आज के आदेशों का सीधा सीधा लाभ व फायदा पांच सितारा चार सितारा तीन सितारा दो सितारा होटलों को मिलने वाला हैं।
पुष्कर के होटलों का एक ही गुनाह हैं कि वे लघु व सामान्य श्रेणी में आते हैं।
सरकार ने तो एक बार फिर पुष्कर के होटल उद्योग को किसी प्रकार से नियमित किये जाने की राहत से वंचित ही रखा हैं। अब कोन सुनेगा हमारी पीड़ा को – कोन लगायेगा इस पर मरहम – कहाँ हैं हमारे जन प्रतिनिधी – किस नीद में सोये हैं – कब अच्छे दिन आयेंगे । और केसे बनेगा हेरिटेज और स्मार्ट सीटी पुष्कर – तीर्थ ।
अरुण पाराशर
9314261954

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