पुष्कर में एस टी पी निर्माण की उपयोगिता संदेह के घेरे में

-अरुण पाराशर, सामाजिक कार्यकर्ता-

arun parashar
arun parashar

पुष्कर में सीवरेज कार्य योजना के तहत बनने वाले एस टी पी का आगमी 6 मई को शिलान्यास कर निर्माण शुरू किये जाने की तेयारिया जोरों पर हैं? जिस एस टी पी का निर्माण होने जा रहा हैं उसमे बड़ा अदूरदर्शी तकनीकी फेर बदल कर – उसका 30 वर्षो पुराने सिस्टम व तकनीक का अमली जामा पहनाकर – पुराने ढर्रे को ही सही मानते हुवे – चिर प्रतीक्षित एस टी पी का निर्माण – चार दिनों में शुरू होने वाला हैं? हमारा पुराने ढर्रे पर ही एस टी पी निर्माण की उपयोगिता पर संदेह क्यों हैं इस पर चर्चा कर लेना इसलिए भी जरुरी हैं क्यों कि वर्तमान में संचालित 30 पुराना सिस्टम तकनीक – उस समय की आबादी – जरुरतो को ध्यान में रख बनाया गया था । लेकिन आज तीस वर्षो के बाद – उसकी क्या स्थिति हैं । उसका खामियाजा पुष्कर की जनता रोज या फिर वर्षा काल में मामूली बारिश होने पर किस कदर भुगतती हैं । मामूली वर्षा होते ही – बिजली गुल और सीवरेज सिस्टम फेल – निचली बस्तियां जल मग्न – वराह चोक – से मुख्य बाजार – पुराना मन्दिर मार्ग – मिश्रो का मोहल्ला – माली मोहल्ला आदि कई क्षेत्रो में तीन- तीन फीट तक सडको पर पानी जमा हो जाता हैं । ऐसी स्थिति में पुष्कर की जनता और यात्रियों व विदेशी पर्यटको को किस कदर परेशानी उठानी व भोगनी पड़ती हैं । और तो और लोगो के घरो में दुकानों ये गंदा पानी घंटो भरा रहता हैं इन मार्गो पर आवा जाही बंद हो जाती हैं । ये दुखड़ा लोंगों के लिए कितना दुःख दायी और परेशानी भरा होता होगा – जरा उनसे भी कोई राय मशविरा किया जाता । जो इस भयानक समस्या से पूरे चार माह के वर्षा काल में इसे भुगतते और इससे झुझते हैं । सबसे महत्व पूर्ण तो यह होता हैं कि सीवरेज सिस्टम फेल हो जाने पर जो गंदा पानी सड़को व निचली बस्तियों में जमा होता हैं वो सारा का सारा गंदा सीवरेज चेम्बरों से निकला पानी – घाट के रास्तों की तरफ ढलान होने से – पवित्र पुष्कर सरोवर में पूरे वर्षा काल में जाता हैं। हम सब पुष्कर की जनता बंद आँखो से आस्था के साथ हो रहे खिलवाड़ को हर वर्ष देखते हैं। ये हालात कई सालो से यथावत व गम्भीर बने हुवे हैं ।लेकिन आज तक किसी भी पार्टी की सरकार ने लोगो के दर्द से व तीर्थ की आस्था से जुडी इस गम्भीर समस्या पर कभी भी इसके स्थायी समाधान की नही सोची ? यह हैं हमारा सारा पुराना सिस्टम और तकनीकी ढर्रा – जिसका खामियाजा – पुष्कर की जनता और आस्था और पूजा स्नान व तर्पण आरती के लिए पवित्र माने जाने वाले – पुष्कर सरोवर को सहना पड़ता हैं। इतना सब भुगत रहे हैं फिर भी बिना – उचित – अनुचित का ख्याल रखें – बिना स्थानीय भुगत भोगियों से हकीकत चर्चा किये – उसी पुराने सिस्टम व ढर्रे को अदूर दर्शी सोच के साथ उसी तकनीक को थोपा जा रहा हैं ?
ये था हमारा पुराना एस टी पी सिस्टम और उसकी खामिया जिसे पुष्कर और पुष्कर की जनता वर्षो से भुगतते आ रहे हैं । और अब ये ही नया निर्मित होने वाला एस टी पी हैं और उस पर लागू वही पुरानी तकनीक और सिस्टम । अब सिस्टम में क्या होगा – ये जान ले – अभी जहाँ पुराना सिस्टम संचालित हैं वहीं पर साढ़े तीन एम् एल डी यानि 35 लाख लीटर पानी की क्षमता वाला स्टोरेज टेंक बनाया जायेगा । उसमे पुष्कर की नई पुरानी सीवरेज पाईप लाइनों से बहकर आने वाले गंदे पानी को डाला जावेगा और उस जमा गंदे पानी को पम्पिंग कर – वहीं डाला जावेगा जहाँ पुराने सिस्टम में डाला जाता था । अब आप ही सोचे फर्क क्या रहा ।पहले भी यही हो रहा हैं और अब भी यही होना हैं । और ये ही सिस्टम फिर दोहराया जाता हैं तो लोगों की व पुष्कर सरोवर में गंदे पानी जाने की समस्या भी जस की तस ही रहने वाली हैं ? तो फिर ऐसे एस टी पी और ऐसी तकनीक का क्या फायदा जिससे रोग नासूर बन जाये ?
अब हम आपको योजना की आंतरिक हकीकत बताना भी नितांत जरूरी समझते हैं क्यों की इसका खुलासा भी होना चाहिए कि मूल योजना जब बनी थी उस समय पुराने सिस्टम की तकनीकी खामियों का बारीकी से हल तलाशते हुवे – आम जन को पुराने सिस्टम से हो रही भारी दुवि धा व् पुष्कर सरोवर में सीवरेज के फेल्युर सिस्टम के कार ण वर्षा काल में जा रहे गंदे पानी को रोकने आदि समस्यायों के समाधान व् हल को ध्यान में रखते हुवे बहुत ही गम्भीरता पूर्वक विचार करते हुवे सम्पूर्ण वर्ष सीवरेज सिस्टम से बहकर आने वाले गंदे पानी को बिना पम्पिंग अनवरत रूप से अंडर ग्राउंड पाईप लाईन डाल कर अंतिम छोर तक ले जाने का प्रावधान कर योजना प्रारूप बनाया था । और इसी को आधार मानते हुवे इसकी स्वीकृति प्रदान की गई थी। योजना में जो प्रावधान अंडर ग्राउंड पाईप लाईन डाल कर सम्पूर्ण पानी की निकासी उचित व दूर दर्शी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुवे ही गई होगी तो फिर इसे क्यों और किस वाजिब वजह से किस स्तर पर बदले जाने का निर्णय हुवा । यदि पूर्व योजना प्रावधान व स्वीकृति से कार्य होता तो ऊपर कही सभी गम्भीर समस्याओं का स्थायी समाधान निश्चित था । और यदि योजना में किये गये फेर बदल कर – स्टोरेज टेंक बनाने और और फिर जमा पानी को पम्पिंग कर अन्यत्र डालने की रही तो भविष्य में ऊपर लिखी समस्याएँ – पुष्कर की जनता व पुष्कर सरोवर को वेसे ही भुगतते रहना हैं जेसे आज तक भुगतते आ रहे हैं ।
हमें इस बहु उपयोगी व बहु आयामी सीवरेज एस टी पी निर्माण योजना के सार्थक परिणाम व दूर गामी क्या प्रभाव हो सकते हैं इस पर पुष्कर के उन सभी जागरूक नागरिकों – जन प्रतिनिधियों – सीवरेज समस्या से आये दिन त्रस्त रहने वालों तथा पुष्कर पवित्र सरोवर में आस्था रखने वालो को गहनता से सामूहिक चर्चा और विचार कर – ये सुनिश्चित कर लेना अच्छा होगा कि योजना में जो तकनीकी बदलाव किया गया हैं वह बदलाव पुष्कर के विकास में किस स्तर तक उपयोगी साबित होगा । मेरे अल्प ज्ञान ने इस समस्या को आज तक जेसा देखा अनुभव किया हैं इस लिए भावना वश जो कुछ शंका संदेह इस तकनीकी बदलाव में मुझे नजर आये हैं। उसे भी मात्र अपनी समझ की ख़ुशी में लिखा हैं। इसमें न तो मेरी कोई चतुराई हैं न ही किसी पर अपना तुच्छ ज्ञान परोसने की इच्छा ही । होहिये सो राम रची राखा । जय पुष्कर राज की ।

error: Content is protected !!