अजमेर ने खो दिया एक महान बाल साहित्यकार

manohar vermaअजमेर शहर ने अपना एक महान सपूत खो दिया। वयोवृद्ध बाल साहित्यकार श्री मनोहर वर्मा का गत दिवस निधन हो गया। वे कुछ दिन मित्तल हॉस्पीटल में भर्ती थे। इससे पहले वे पूर्णत: सक्रिय थे और न केवल दैनिक नवज्योति को समीक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे थे, अपितु रचनाधर्मिता का पालन करते हुए नए साहित्य पर भी काम कर रहे थे।
उन्होंने आजीविका के लिए 1953 से रेलवे में नौकरी की, लेकिन तभी से लेखन की निजी रुचि को भी पोषित करते रहे। उन्होंने बाल साहित्य पर अनेकानेक पुस्तकें लिखी हैं। उन्हें 1973 में राजस्थान साहित्य अकादमी की ओर से विशिष्ट साहित्यकार के रूप में सम्मानित किया गया। बाल साहित्य के लिए उन्होंने जितना काम किया, शायद ही किसी ने किया हो। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने राजस्थान पत्रिका व दैनिक भास्कर को भी सेवाएं दीं। वे अत्यंत ही शालीन स्वभाव के और मृदुभाषी इंसान थे। जीवन के आखिरी क्षण तक साहित्य को समर्पित इस महान हस्ताक्षर को अजमेरनामा को विनम्र श्रद्धांजलि। अजमेर को अपने महान पुत्र पर गर्व है।

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