रमेश सेनानी हो सकते हैं वार्ड 57 से कांग्रेस के दावेदार

ramesh senaniपूर्व पार्षद रमेश सेनानी आसन्न नगर निगम चुनाव में वार्ड 57 से कांग्रेस के दावेदार हो सकते हैं। जानकारी के अनुसार उनको चुनाव लडऩे का मानस बनाने का इशारा तो मिल चुका है, मगर वे अभी जमीनी हालात का मुआयना कर रहे हैं।
सबको पता है कि सेनानी पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल खेमे से हैं और पूर्व केबीनेट मंत्री स्वर्गीय किशन मोटवानी के भी करीबी रहे हैं। उन्हें चुनाव लडऩे और लड़वाने का खासा अनुभव है। कम से कम रणनीतिक रूप से तो वे कमजोर नहीं पडऩे वाले। कभी विधानसभा सीट के भी दावेदार रहे हैं। वैसे ये वार्ड भाजपा के लिए सर्वाधिक मुफीद वार्डों में शुमार है और शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्र भी, मगर कदाचित उन्हें मौजूदा पार्षद दीपेन्द्र लालवानी के प्रति स्वाभाविक रूप से कायम एंटी इन्कंबेंसी का लाभ भी मिल जाए। इस बात की भी संभावना है कि अगर वे जीते और कांग्रेस का बोर्ड बनने की स्थिति आई तो वे मेयर पद के भी दावेदार हो सकते हैं। ज्ञातव्य है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से सिंधी को टिकट न दिलवा पाने की वजह से उसकी एवज में किसी सिंधी को मेयर बनवाने का मानस रखते हैं। उनकी सोच है कि जब तक किसी सिंधी को पावरफुल नहीं बनाया जाएगा, तब तक भाजपा के इस वोट बैंक में सेंध मारना कठिन ही होगा।
आपको बता दें कि 8 सितम्बर 1952 को जन्मे सेनानी बी.ए. पास हैं और कांग्रेस से वर्षों से जुड़े हुए हैं। पेश से वे प्रॉपर्टी डीलर हैं, इस कारण इलाके के चप्पे-चप्पे को अच्छी तरह से जानते हैं। एक जमाना था, जब वैशाली नगर में कांग्रेस का झंडा हाथ में थामने वाला कोई नहीं था, तब से वे इस इलाके में कांग्रेस का दिया जलाते रहे हैं। वे कांग्रेस संगठन में तो कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे ही हैं, 1995 में इस इलाके से पार्षद भी रह चुके हैं।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

error: Content is protected !!