मात्र औपचारिकता बनकर रह गया है ” मिडिया सेल पुलिस ” ग्रुप

police social media cellअजमेर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने जब से पदभार ग्रहण किया है तब से वे नए नए प्रयोग कर रहे है । अपराधियो पर अंकुश लगाने के लिए उनके द्वारा किये जा रहे प्रयास काबिले तारीफ है । उनकी कोशिश अब धीरे धीरे नजर भी आने लगी है । जो अजमेर जिले और यहाँ की आम जनता के लिए अच्छी बात है ।

एस पी साहब द्वारा अपराधियो पर अंकुश लगाने की बात तो समझ आती है लेकिन उन्होंने अपने नए प्रयोग में अजमेर जिले की समूची मीडिया पर भी अंकुश लगा रखा है । किसी भी थाने का कोई पुलिस अधिकारी मीडिया को किसी भी घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकता है और ना ही अपराधियो के फोटोग्राफ और विजुअल कवर सकता है । घटना चाहे छोटी हो या बेहद संगीन । पुलिस अधिकारी पत्रकारो से दूरी बनाये रखते है । इससे ना सिर्फ पुलिस और मीडिया के बीच एक दूरी पैदा होती जा रही है बल्कि चौथे स्तम्भ का पुलिस पर से भरोसा भी कम होता जा रहा है ।

हालांकि एस पी साहब के निर्देशानुसार सोशल मीडिया के वाट्सऐप पर ” मीडिया सेल पुलिस ” नाम का एक ग्रुप बनाया गया है जिसमे जिले भर के कई क्राइम रिपोर्टर जोड़े गए है । लेकिन यह प्रयास भी केवल मात्र औपचारिकता भर ही रह गया है । इसमें कई बार तो 24 घंटे पुरानी खबरो की जानकारी दे दी जाती है । साथ ही केवल कुछ चुनिंदा थानो की जानकारी ही दी जा रही है । जिलेभर में रोजाना हो रही छोटी मोटी कई वारदातो का इसमें कोई उल्लेख नहीं होता है । खास बात यह है है कि इसमें जो जानकारियां साझा की जा रही है वह भी बहुत ही संक्षेप में होती है । जिससे जनता तक सम्पूर्ण जानकारी नहीं पहुँच पा रही है । सबसे बड़ी बात यह है कि इस ग्रुप के एडमिन द्वारा फोटोग्राफ ही उपलब्ध करवाये जा रहे है जबकि विजुअल मीडिया में वीडियो के बगैर खबर प्रसारित होना मुमकिन नहीं है । कई बार मेरे साथी पत्रकारो द्वारा वीडियो भी उपलब्ध करवाने का आग्रह किया जा चूका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही ।
मेरा अजमेर पुलिस अधीक्षक से इतना सा सवाल है की आखिर जिलेभर की मीडिया पर अंकुश लगाकर , उन्हें खबरों की हकीकत से दूर रखकर , 24 घंटे पुरानी खबरों को ग्रुप पर पोस्ट करके आखिर वे कौनसा प्रयोग करना चाहते है । जब आप ईमानदारी और सख्ती के साथ पुलिसिंग का इतना अच्छा काम कर रहे है तो क्यों उस चीज की जानकारी जनता तक पहुंचाने में दिक्कत महसूस कर रहे है । जिस तरह पुलिस जनता के सरोकारों से जुडी है मीडिया भी उसी कड़ी का अहम् हिस्सा है । मेरा अजमेर पुलिस अधीक्षक से आग्रह है की पूर्व की भांति आगे भी मिडिया को थानो से जानकारी देने के निर्देश जारी कर उसकी स्वतंत्रता बरक़रार रखे । जिससे पुलिस और मीडिया के बीच जो दूरी पैदा होती जा रही है वह ख़त्म हो सके ।

राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन

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