अजमेर नगर निकाय चुनाव 2015 में इस बार मैदान में उतरे कई प्रत्याक्षियो के समीकरण बिगड़े है चुनाव से पहले कई वार्डो का दृष्टिकोण ही राज्य सरकार की मंजूरी परद बदले गए ! जिसका खामियाजा प्रत्याक्षियो को उठाना पड़ा ,भले ही वह किसी भी पार्टी से जुड़े हो या निर्दलीय प्रत्याक्षी के रूप में मैदान में हो ! पार्टी द्वारा टिकट वितरण में भी सबसे बड़ी गलती शायद इस बार रही है रेवड़ीयो की तरह टिकट का वितरण किया गया है पूर्व पार्षदों और कार्यकर्ताओ को पार्टी ने निकाय चुनाव में अनदेखा किया है इसमें कोई दोराय नहीं है ! कॉंग्रेस पार्टी ने इस बार ऐसे कई लोगो को मैदान में खड़ा किया जिनका अस्तित्व ही नहीं है और उनको मुहँ की खानी पड़ी ! जिस कारण अजमेर निगम में कांग्रेस का बोर्ड नहीं बन पाया !
इसी प्रकार वार्ड 46 में परिसीमन ने सभी का खेल बिगाड़ दिया और रावत समाज एक जाजम पर बैठने के कारण सभी नुक्सान में रहे ! सूत्रो के अनुसार भुनाभाय में 700 वोट रावत समाज के हो जो ललिता रावत की झोली में आये जिसके कारण वह 114 वोटो से विजयी रही ! दूसरी और वार्ड 56 में भारी दावेदार बी जे पी के धर्मेन्द्र गहलोत जो अब निगम के मेयर बने उनके सामने कोंग्रेस ने गुड्डू पंचोली एक नए चेहरे को उतारकर बड़ी गलती की और हार का मुहँ देखना पड़ा ! वही वार्ड 49 की बात करे तो उसमे बी जे पी के प्रत्याक्षी महेंद्र जादम को परिसीमन बदलने से काफी फायदा पहुँचा है क्योंकि जो क्षेत्र उनके वार्ड में शामिल हुआ वो अधिकतर बी जे पी मतदाता रहे है वही नया चेहरा कोंग्रेस के भरत महावर को हार का मुहँ देखना पड़ा !
kishor singh solanki