समारोह स्थल वालो के लिए कुछ कानून नियम तो बना सकते हे

अनिल पाराशर
अनिल पाराशर
साथियों मेने समय समय पर पुष्कर के कई मुद्दों को आपके समक्ष लाने का प्रयास किया और आप सभी के सहयोग से उन मुद्दों पर कार्यवाही भी हुई और निराकरण भी जो आप सभी धन्यवाद के पात्र हे ।लेकिन कुछ मुद्दे ऐसे भी हे भी जिन्ह पर आज तक कार्यवाही नही होने से स्थानीय लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा हे उसमे से एक महत्वपूर्ण मुद्दा हे धर्मशाला और आश्रमों का जो धीरे धीरे अब होटलों और शादी समारोह स्थल में तब्दील होती जा रही हे इस मुद्दे को मेने समय समय पर कई बात उजागर किया लेकिन हुआ क्या कुछ भी नही यह मुद्दा आज तक ठन्डे बस्ते में बंद पड़ा हे में सरेराह पंजाब केसरी में था तब भी इस मुद्दे को उछाला था तो एक वर्ष पूर्व बदलता पुष्कर में भी ।लेकिन आज तक पालिका और प्रशासन ने इनके खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नही जुटा पाई। रही सही कसर बाहर से आकर पुष्कर में शादी करने वालो ने पूरी कर दी जिसके चलते आज हमे शादियों के लिए धर्मशाला और समारोह स्थल के लिए 6 महीने पहले से ही दर दर की ठोकरे खानी पडती हे और कइयो की सिफ़ारिशो के बाद भी हमे मुंहमांगे दाम देने पड़ते हे ।बाहर से आकर शादिया करने वाले लोगो के लिए यंहा पर शादी करना बहुत सस्ता पड़ता हे दोनों पक्ष एक ही धर्मशाला में आकर शादी करते हे इसलिए इनको कुछ भी भार नही पड़ता । लेकिन इसका खामियाजा हमे भुगतना पड़ रहा हे। आज प्रेम प्रकाश दाधीच पारीक गोतम रामस्नेही आश्रम समारोह स्थल बन चुके हे वो भी बाहर वालो के लिए हमारे लिए तो बचे हे तो रावत कुमावत जाट जयमल कोट धीरे धीरे यह भी बाहर वालो के लिए हो जायेंगे और यह धर्मशाला आश्रम और समारोह स्थल वाले भी बाहर वालो को पहले देते हे क्योंकि यह मुहमांगी रकम जो दे देते हे बाहर वालो के पुष्कर में आकर शादी करने से पुष्कर में धर्मशाला आश्रम समारोह स्थल बेंड बाजे टेंट सभी के भाव तेजी से बढ़ रहे हे हालाँकि सविंधान में इनको रोकने का कोई कानून तो नही हे पर पालिका ओर प्रशासन दोनों मिलकर धर्मशाला आश्रम और समारोह स्थल वालो के लिए स्थानीय लोगो के लिए कुछ कानून नियम तो बना सकते हे जिसके चलते स्थानीय लोगो को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। आप सब समझदार हे और सोचे की हम सबको को मिलकर इस मुद्दे पर क्या करना चाहिए। धन्यवाद ।
अनिल सर संपादक बदलता पुष्कर

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