प्रिय जनप्रतिनिधियो, आपसे विनम्र अपील

pushkar newsपुष्कर में लंबे समय से बंदरो के दुर्घटनाग्रस्त और बीमार होने के मामले सामने आरहे है इसमें टोल्फा हॉस्पिटल अगर इलाज के लियें मना कर दे तो ये अस्पताल की मज़बूरी है बंदर एक वन्य जीव की श्रेणी में आता है अतः कुछ समय पूर्व बंदर का ईलाज करने के बादअस्पताल में बन्दर की मौत होगई थी उसके बाद अस्पताल प्रसासन ने फारेस्ट डिपार्टमेंट में फोन किया लेकिन वहा कोई भी वन विभाग का नुमाइंदा नही पहुचा और बंदर का शव कई दिनों तक वही पड़ा रहा कायदे के हिसाब से जानवर के मरने के बाद पोस्टमार्टम होना जरुरी है लेकिन वन विभाग और उसके नुमाइन्दे लापरवाही में रहे और किसी ने मिडिया को बुलाके अस्पताल की शिकायत कर दी और जीवो के साथ परिक्षण का आरोप लगा दिया और वन मंत्रालय में भी शिकायत भेज दी और वनमंत्रालय ने अस्पताल को नोटिस भेज दिया और वन्यजीवों के ईलाज नही करने के लियें पाबंद कर दिया इसलिये टोल्फा हॉस्पिटल वन्य जीवो के ईलाज के लियें मना कर देता है लेकिन हम पुष्कर में भी ईलाज तो कर सकते है लेकिन हमारे पास जगह का अभाव है इसके लिए पिंजरा बनवाना पड़ता है अगर नगर पालिका की विश्राम स्थली में ईन मूक जीवो के लीये स्थान मिलजाये तो किसी भी बंदर की मोत नही होगी।
हेमंत रायता ऐनिमल केयर सोसायटी पुष्कर।

1 thought on “प्रिय जनप्रतिनिधियो, आपसे विनम्र अपील”

  1. Thanks Tejwani ji. Tolfa never denie for treatment of injured animal . What Mr. RAYATA has written is very right because of wildlife we can take care at every part but hv to follow legal bindings also. Some people takes diadvantages of such critical moments which creates legal problems for hospital and mangments also. Nager Nigam Ajmer sent more then 30-40 unclaimed cows after inccident of Gaushala on last days and paying nothing to hospital. They hv transferred their liability on Tolfa . I will like to request Nager Nigam Ajmer through ur kind co-operation that Nager Nigam should pay treatment as well as maintainance charge to d hospital so hospital can help city persons in well manners. Thanks again to Mr. RAYTAJI and Tejwaniji to be part of Tolfa.

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