सैक्स रैकेट के प्रकरण में भाजपा के दो विधायकों को बेवजह घसीटने का प्रयास

एस.पी.मित्तल
एस.पी.मित्तल
अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सीमा मेवाड़ा ने एक दिसम्बर को सैक्स रैकेट में कथित तौर पर शामिल 15 लड़के-लड़कियों को जेल भेज दिया है। इस प्रकरण से सत्तारुढ़ भाजपा की राजनीति में उफान आ गया है। एक दिसम्बर को अदालत में हुई सुनवाई में बचाव पक्ष ने कहा कि ब्यावर पुलिस ने द्वेषतापूर्वक वैश्यावृत्ति के जुर्म में गिरफ्तार किया है। असल में ये लड़के-लड़कियां अनुबंध के आधार पर इवेंट कंपनी में कार्यरत हंै। वहीं पुलिस का कहना रहा कि लड़के-लड़कियों को ब्यावर के रानीबाग रिसोर्ट से संदिग्ध अवस्था में पकड़ा है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मजिस्ट्रेट सीमा मेवाड़ा ने आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। अब बचाव पक्ष जमानत के लिए ऊपरी अदालत में याचिका दायर करेगा।
भाजपा में उबाल
पुलिस ने भले ही कथित तौर पर सैक्स रैकेट को पकड़ा हो, लेकिन इस घटना से सत्तारुढ़ भाजपा की राजनीति में उबाल आ गया है। इस प्रकरण में बेवजह भाजपा के दो विधायक चपेट में आ गए हैं। हालांकि इन दोनों विधायकों का इस घटना से सीधे कोई संबंध नहीं रहा, लेकिन भाजपा की आंतरिक राजनीति की वजह से इन दोनों विधायकों को घेरा जा रहा है। जिन 14 लड़के-लड़कियों को वैश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया है को वे सभी 29 नवम्बर को ब्यावर के भाजपा नेता जयकिशन बल्दुआ के बंगले के नांगल के समारोह में इंतजाम करने आए थे। इस तथ्य को बल्दुआ परिवार के एक सदस्य ने स्वीकार भी किया है। सब जानते हैं कि बल्दुआ ब्यावर के भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। हाल ही के संगठन चुनाव में शंकर सिंह रावत ने अपने प्रभाव से बल्दुआ को मंडल अध्यक्ष घोषित करवाया था। आज भी विधायक रावत बल्दुआ को ही मंडल अध्यक्ष मानते हैं। यह बात अलग है कि फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद प्रदेश नेतृत्व ने बल्दुआ के निर्वाचन पर रोक लगा दी है। लेकिन विधायक रावत अभी भी किसी भी स्थिति में बल्दुआ को ही अध्यक्ष बनाने के प्रयास में है। यही वजह है कि ब्यावर की राजनीति में जो लोग बल्दुआ के खिलाफ हंै, उनका प्रयास है कि सैक्स रैकेट से विधायक रावत को भी जोड़ दिया जाए। हालांकि जयकिशन बल्दुआ इस पूरे प्रकरण से स्वयं को दूर रखने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। इसी प्रकार पुलिस ने लड़के-लड़कियों को संदिग्ध अवस्था में जिस रानीबाग रिसोर्ट से गिरफ्तार किया है वह भाजपा विधायक सुरेश रावत के ससुराल पक्ष का है। हालांकि इस पूरे प्रकरण से विधायक रावत का कोई सरोकार नहीं है, लेकिन संगठन में जो लोग रावत के खिलाफ हैं, उनका पूरा प्रयास है कि इस प्रकरण से सुरेश रावत को जोड़ दिया जाए। सुरेश रावत ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि रिसोर्ट उनके ससुराल पक्ष का है। लेकिन उन्हें ताजा प्रकरण की कोई जानकारी नहीं है। सुरेश रावत को इस बात का अफसोस है कि उनके प्रतिद्वंद्वी जानबूझकर उनका नाम घसीट रहे हंै। अभी हाल ही में सम्पन्न हुए पुष्कर मेले में क्षेत्रीय विधायक होने के नाते जो सक्रिय भूमिका निभाई, उसकी प्रशंसा सीएम वसुंधराराजे ने भी की है। सीएम की प्रशंसा से उत्साहित होकर ही रावत राज्य मंत्री के दर्जे वाले संसदीय सचिव की दौड़ में शामिल हो गए हैं। लेकिन ताजा प्रकरण दौड़ की रफ्तार को धीमा करेगा। पुलिस ने जिस तरह राीबाग रिसोर्ट पर छापामार कार्यवाही की उससे दोनों भाजपा विधायकों के समर्थकों को भी आश्चर्य है।

(एस.पी. मित्तल)
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