कहीं खनन माफियाओ को खुलेआम आमंत्रण तो नहीं

सावित्री माता की पहाड़ी के चारो और पाथवे बनाकर कहीं खनन माफियाओ को खुलेआम आमंत्रण तो देने नहीं जा रही है राजस्थान सरकार

राकेश भट्ट
राकेश भट्ट
राजस्थान धरोहर प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष और बीजेपी में वरिष्ठ नेता श्री औंकार सिंह लखावत ने रविवार को पुष्कर की सावित्री माता मंदिर की पहाड़ी का निरिक्षण किया । इस दौरान उनके साथ जिला कलेक्टर आरुषि मलिक सहित कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे । निरिक्षण के बाद लखावत ने मिडिया को बताया कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की इच्छा के बाद अब पुष्कर तीर्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नए स्थान चिन्हित कर उनका विकास किया जायेगा । इसी के चलते सावित्री पहाड़ी के चारो और भी परिक्रमा करने के लिए पाथवे बनाया जाएगा ।

पहली नजर में तो यह बात वाकई स्वागत करने योग्य है । पहाड़ी के चारो तरफ पाथवे बनाये जाने से यहाँ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा । लेकिन मेरा मानना है की इस पाथवे के बनने के बाद अब सावित्री पहाड़ी भी खनन माफियाओ की गिरफ्त में आ जायेगी जो अब तक सुरक्षित बची हुई थी । आज के समाचार पत्रो में यह खबर पढ़ने के बाद कितने श्रद्धालुओं को इससे ख़ुशी मिली यह तो कहना मुश्किल है लेकिन मेरा दावा है की खनन माफियाओ के चेहरो पर रौनक जरूर छा गई होगी ।
जिस दिन पाथवे बनकर तैयार हो जायेगा उसी दिन से यह पहाड़ी भी नोंच नोंच कर खोदनी शुरू कर दी जायेगी । पहाड़ी के चारो तरफ हजारो लोग पत्थर निकालने में जुट जाएंगे । जो शायद इस पहाड़ी के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक होगा ।

इससे पूर्व भी चामुंडा माता मंदिर के किनारे और पुष्कर फीडर के दोनों और कच्ची सड़क बनाई जा चुकी है और अब वहां पर आम आदमियो से कई गुना ज्यादा चौबीसो घंटे पत्थर और बालिश से भरे ट्रेक्टर दौड़ते रहते है । महज डेढ़ दो साल में ही सड़क से सटी पूरी पहाड़ी को तबाह किया जा चुका है । अनुमान के मुताबिक़ हर रोज यहाँ से लगभग पांच सौ ट्रेक्टर ट्रालीयो का अवैध खनन किया जा रहा है । खास बात यह है कि अवैध खनन के काम में सबसे ज्यादा इस इलाके में रहने वाले रावत समाज के लोग सहित अन्य कई लोग भी शामिल है ।

पहाड़ियों के लगातार हो रहे दोहन से ना सिर्फ पुष्कर का प्राकर्तिक स्वरूप नष्ट हो रहा है बल्कि राज्य सरकार को भी लाखो करोड़ों रुपयो का चुना लगाया जा रहा है । मेरी मंशा श्री लखावत जी की सकारात्मक सोच पर सवाल उठाने की कतई नहीं है लेकिन इसके दुष्परिणामो पर गंभीरता से विचार करने की और ध्यान आकर्षित करने की जरूर है । 9 किलोमीटर लंबा पाथवे बनाने में सरकार करोडो रुपये खर्च कर रही है लेकिन इसका फायदा किसे होगा यह भी विचार करने की जरूरत है ।

बड़ा सवाल यह है कि आखिर वो कौन लोग है जिनके राजनैतिक संरक्षण के चलते पुष्कर में खनन माफियाओ के हौसलें दिनोदिन बढ़ते ही जा रहे है और उससे भी बड़ा सवाल यह की क्या उसी साजिश के तहत कही पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर सावित्री पहाड़ी को भी खनन माफियाओ के हवाले करने की तैयारी तो नहीं की जा रही है ।

राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन

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