राजनीति का अखाड़ा बनकर रह गया है पुष्कर का रोपवे

राजनीति और आपसी स्वार्थो के कारण ही इतने समय देरी से हो रहा है रोपवे का शुभारम्भ ••••

राकेश भट्ट
राकेश भट्ट
पुष्कर की सावित्री माता मंदिर की पहाड़ी पर जाने वाले श्रद्धालु तीर्थ यात्रियों के लिए आगामी 3 मई से रोपवे का शुभारम्भ होने जा रहा है । इसके लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी आ रही है । कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत और अजमेर देहात भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है ।

पुष्कर में रोपवे बनकर तैयार है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टिया इसके नाम पर राजनीति करने में जुटी है । पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर का दावा है की इसका निर्माण कार्य और स्वीकृति का काम उनके कार्यकाल में शुरू किया गया जिसे जानबूझकर बीजेपी ने लेट किया वही संसदीय सचिव सुरेश रावत ने भी प्रेस वार्ता कर इसके निर्माण के लिए खुद की पीठ थपथपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।

मेरा मानना है की दोनों ही विधायको के कार्यकाल में रोपवे के इस प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाने के प्रयास तो हुए लेकिन उससे ज्यादा प्रयास इसमें रोड़े अटकाने के किये गए । कभी अलग अलग विभागों की एनओसी लेने के नाम पर , तो कभी अधिकारियो से ही आपत्ति दर्ज करवाने के नाम पर । अच्छा होता दोनों ही पार्टियो के राजनेता जनता के सामने इस बात का भी खुलासा करते की किस नेता ने कब , और किस कारण से इसके निर्माण में रोड़े अटकाए तो आम जनता भी सच्चाई से रूबरू हो पाती ।

इस काम में किस नेता ने कितने रोड़े अटकाए यह बात पुष्कर के राजनेता और रोपवे लगाने जा रही कलकत्ता की दामोदर एन्ड कंपनी के अधिकारी अच्छी तरह से जानते है । एक दो बार नहीं बल्कि कई बार स्थानीय नेताओ ने अपने हितो के आगे इस प्रोजेक्ट को लटकाने में कोई संकोच नहीं किया । वरना अगर निस्वार्थ भावना से पुष्कर आने वाले श्रद्धालुओ के लिए इसका निर्माण किया जाता तो शायद डेढ़ से दो साल पहले ही इसका शुभारम्भ हो जाता ।

★ रोपवे के रास्ते पर अतिक्रमियों की पौ बारह •••••

एक और जहाँ राजनीति के चक्कर में रोपवे देर से शुरू हो रहा है वही दूसरी और पालिका प्रशासन की उदासीनता के चलते सावित्री मार्ग के दोनों और केमल सफारी , चाय नाश्ते और रेस्टॉरेंट लगाने वाले लोगो ने जमकर अतिक्रमण कर लिए है । रोपवे का लुप्त लेने वाले श्रद्धालुओं की जेब पर डाका डालने के लिए यह अतिक्रमी भी पूरी तरह से तैयार है । हकीकत यह है कि रोपवे शुरू करने वाली कंपनी से ज्यादा इन लोगो को इस बात की ख़ुशी है । कुछ लोगो का तो यहाँ तक कहना है की स्थानीय नेताओ ने अपने चहेतो को फायदा पहुँचाने के लिए जान बूझकर अतिक्रमण करवाये है ।

फिलहाल अब पुष्कर का बहु प्रतीक्षित रोपवे बनकर तैयार है । जिसका फायदा 3 मई के बाद जल्द ही मिलेगा ।

राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन

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