जागो… अजमेर… जागो

पानी को लेकर कही “लातूर” जेसे हालात नही बन जाए ब्यावर के
सावधान हो जाइये…बीसलपुर का पानी जयपुर द्वारा हड़प करने की मुहीम चल रही हे।

सिद्धार्थ जैन
सिद्धार्थ जैन
आज से कोई पच्चीस बरस पहले ब्यावर के हालात कमोबेश लातूर जेसे ही थे। तब मिडिया इस कदर हावी नही था। इलेक्ट्रोनिक मिडिया तो था ही नही। इससे ब्यावर की आवाज में तब लातूर सा दम-खम पैदा नही हो सका। राजनेतिक नेतृत्व भी कभी भी दमदार नही रहा।इसके चलते तब की सरकारे भी कोई ज्यादा चिन्ता नही करती। उससे पूर्व लगभग 1982-83 काल में हालात ऐसे बने कि लोग सगाई सम्बन्ध में ब्यावर की एक “साख’ तक टालते दिखते थे। पानी के लिए हाहाकार मचता। यह तो भला हो ब्यावर की जनता का जिसके पानी आन्दोलन (वर्ष 1994) की बदोलत ब्यावर को जीवन दान मिल गया। तब इसे बी बी सी तक ने कवर किया।

मेनें यह भूमिका उस युवा वर्ग को सावचेत करने के लिए वर्णित की हे जो उस काल में या तो था नही। या फिर वह अपने शैशव काल दौर में रहा होगा। तबके देश प्रसिद्ध पानी आन्दोलन में मुझे भी भागीदारी का सौभाग्य मिला। साथी पत्रकारों-जनता की भागीदारी युक्त उस आन्दोलन की बदोलत ही बीसलपुर परियोजना की गति में पंख लग गये। इसके चलते ही ब्यावरवासी पानी की किल्लत से उभर सके। राज्य सरकार ने बीसलपुर परियोजना केवल और केवल अजमेर जिले के लिए ही बनाई थी। उसमे भी मुख्यतया ब्यावर की प्यास बुझाने के लिए ही ठेठ बीसलपुर बाँध से अलग ही पाईप लाइन डाली गई।

दुःख हे कि अब हालात बदल रहे हे। ब्यावर का राजनेतिक नेतृत्व गर्त में हे। शहर का कोई धणी-धोरी नजर नही आ रहा हे। ऐसी ही ख़ुफ़िया रिपोर्टो से राज्य सरकार अवगत हो रही हे। यही कारण रहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से पूर्व भाजपा सरकार में मुख्यमन्त्री के नजदीकी व ताकतवर जलदाय मन्त्री अजमेर जिले से ही होने के बावजूद अजमेर जिले के हितो को दरकिनार कर दिया गया। बीसलपुर को जयपुर से जोड़ने की योजना को गति मिल गई। जयपुर की मानसरोवर कोलोनी तक अजमेर के हिस्से का पानी पहुंचा दिया गया। वहां सुबह शाम दोनों टाईम नल शुरू कर दिए। यह कोलोनी विश्व की सबसे बड़ी सरकारी कोलोनियो में शुमार होती हे। तब कहा यह गया कि यही तक जलापूर्ति की जायेगी। अजमेर के किसी भी नेता ने चू-चपड़ तक करने का हौसला नही दिखाया। उसका खामियाजा यह हुआ कि फिर जल संकट की सम्भावना पैदा होने की आशंका बलवती हो गई।

तब एक सीनियर आइ ए एस ने मुझे बताया कि राजधानी में दोनों समय पानी देने से विश्व स्तर पर शहर की इमेज बनती हे। अबके अजमेर जिलावासी फिर से तय्यार हो जाइये। बीसलपुर का पानी जयपुर शहर सहित जिले को पिलाने के लिए सरकार 1700 करोड़ से ज्यादा रुपयों की योजना को मूर्त रूप देने जा रही हे। आप क्या सोचते हे… जो पानी की पाईप लाइन जयपुर तक जा रही हे। इसके बीच आने वाले गावं शहर कल इससे पानी की डिमाण्ड नही करेंगे…? विचारिये…! ऐसे में तब हालात किस कदर भयावह हो जायेंगे। अजमेर जिले के अन्य शहर- गावों में तो पानी के अन्य स्रोत भी होंगे। लेकिन ब्यावर की “लाइफलाइन” तो केवल और केवल बीसलपुर ही हे। बीसलपुर बाँध में पानी आखिर हे ही कितना…! अभी भी हालात यह हे कि जब जब बीसलपुर से आपूर्ति बाधित होती हे। ब्यावर में हाहाकार मच जाता हे। ब्यावर वासियों के लिए एक बूंद पानी और कही से भी नही आ रहा हे।

अजमेर जिले से दो मन्त्री हे। तीन सांसद हे। दो राज्यमन्त्री स्तरीय सरकार के नुमाइन्दे हे। कांग्रेस के स्थानीय नेता दिनेश शर्मा ने मुझसे लीक से हटकर सुझाव शेयर किया। क्यों नही हम सब मिलकर (सभी दल) अजमेर जिला में पानी के लिए एक जुटता दिखाए। जनता का भला होगा। लेकिन मुझे लगता नही। इस पर अमल हो सकेगा। अब तो जनता जनार्दन से ही आशा हे। नेताओं को यह याद रखना चाहिए कि वह जब जब सड़को पर उतरती हे। सत्ता डावांडोल हो जाती हे।
जनता जनार्दन…!अब तो चेतो……नेताओं के भरोसे कब तक रहोगे…..

094139 48333
सिद्धार्थ जैन पत्रकार, ब्यावर(राज)

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