कुछ तो बात है इस जीवन शैली में

zzभरी दोपहर में 43 डिग्री की गर्मी में सड़क के किनारे सब्जी बेचने वाली यह बूढी माँ रोज पुष्कर से आकर दुूकान लगाती है । अपनी स्नेहिल और निश्छल मुस्कान के साथ सब्जी लेने का आग्रह करते हुए अपने पत्थर के बाटों से सब्जी तौल कर जब यह 7 रुपये पाव भाव की 400 ग्राम सब्जी का हिसाब करती है तो होशियार से होशियार ग्राहक कैलकुलेटर ढूँढने लगता है । फिर थक हार के बताया गया पैसा देकर मन ही मन हिसाब मिलाते हुए आगे बढ़ जाता है । कैमरे के सामने आने के बिना ख़ास अनुभव के बावज़ूद मेरे आग्रह पर जो इस माई ने पोज़ दिया उसमे अपने काम और जीवन के लिए ख़ासा गर्व और संतोष दिखाई देता है । कुछ तो बात है इस जीवन शैली में जो तमाम चुनौतियों के बावजूद खुश रहने और मुस्कान बांटने का ये खूबसूरत अंदाज़ दिखाई देता है ।

इंजीनियर व जोने माने बुद्धिजीवी अनिल जैन की फेसबुक वाल से साभार

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