नरेन्द्र चौहान के साथ घटित हुई ,वो हमारे लिऐ विचारणीय

n chauhanजहां पर पत्रकारिता पर जब लोग जुल्म करते है तो सारे पत्रकारो मे सन्नाटा छा जाता है कोई कुछ बोलने से डरता है अक्सर ये हाल हमारे पत्रकार भाईयो का है कि आपस मे एकता नाम की कोई चीज में संशय है , हमने देखा है वकीलों को कितना भी बङा सूरमा क्यो ना हो एक शब्द अभद्रता से बोल के देखो पूरे प्रदेश के वकील हरताल बजा देते है और इसके बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई तो धरनाप्रदर्शन पर उतर आते है वकील अपना नुकसान भी करते है अपना पैसा भी खर्च करते लेकिन जब तक अपने साथी को इन्साफ ना दिला दें , तब तक चुप नही बैठते अगर इस तरह की एकता रिपोर्टरो मे हो जाये ,तो किसी मे दम नही है कि देश का चौथा स्तंभ कहे जाने वालो की तरफ कोई आँख उठाकर देखे , पर मेरे पत्रकार मित्रों को यह बात समझ नही आ रही हे कि एकता में कितना बल होता हैं ।
अभी इस पवित्र शहर में जो घटना वरिष्ठ पत्रकार श्री नरेन्द्र चौहान जी के साथ घटित हुई ,वो हमारे लिऐ विचारणीय हैं ।

सी पी कोली

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