रक्तदान जैसे पवित्र कार्य को लेकर भी संघठनो में वर्चस्व की लड़ाई तेज

◆ रक्तदान करने वालो में असमंजस, आखिर श्रेय लेने की ऐसी होड़ क्यों ?
★ सात दिनों में दो बार रक्तदान,किसको दे और किसको करे नाराज़!

pushkar newsपुष्कर में आयोजित किये जा रहे रक्तदान शिविरो को लेकर सामाजिक संघठनो रॉयल सेवा समिति और भारत विकास परिषद में श्रेय लेने की जो होड़ मची है वो निःसन्देह केवल महत्वकांक्षा और वर्चस्व की लड़ाई बनकर रह गई है ! हालांकि दोनों ही संघठनो का “उद्देश्य रक्तदान के द्वारा मानव सेवा ही है” परन्तु दोनों ही संघठन इसे अपने नाक का सवाल बनाये हुए है ! यँहा उल्लेखनीय यह है की उक्त शिविर पहले दोनों के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित होना था परन्तु दोनों ही संघठनो ने एक-दूसरे के श्रेय ले लेने के भय से इस पुण्यदायी कार्य को भी “नाम की राजनीति में” में भेट चढ़ा दिया ! अब जँहा रॉयल सेवा समिति का रक्तदान शिविर आगामी 3 जुलाई को आयोजित होना है वंही उसी दिन भारत विकास परिषद का निःशुल्क फ्री हेल्थ चेक-अप का कार्यक्रम है ! और 10 जुलाई को भारत विकास परिषद की और से रक्तदान शिविर ! दोनों ही संघठन पुरजोर कोशिश कर रहे है की रक्तदाता उनके द्वारा आयोजित शिविर में रक्तदान करे ! इस कारण दोनों संघठनो के प्रमुख एक दूसरे पर दोषारोपण भी कर रहे है ! यँहा रक्तदाताओं की दुविधा ये है की वो रक्तदान करे तो किसको ? क्योंकि रक्तदान की तारीखे भी पास-पास है तो स्वाथ्य कारणों से 7 दिनों की अवधि में दुबारा रक्तदान करना भी उचित नही ! बरहाल अच्छा हो दोनों संघठन अपने-अपने अहम को त्यागकर एक ही दिन संयुक्त तत्वाधान में इस पुण्यदायी कार्य में सहभागी बने ताकि रक्तदान अधिकाधिक भी हो और सार्थक भी ! ऐसा अगर हो सके तो यह सभी के लिए ख़ुशी की बात होगी क्योंकि उद्देश्य भी एक है “मानव सेवा” मंज़िल भी एक है “मानव सेवा” तो फिर राहे अलग-अलग क्यों ?

अखिलेश पाराशर

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